आज के इस पोस्ट के जरिये फ्लेमिंग का वामहस्त नियम Fleming Left Hand Thumb Rule in Hindi को जानेगे। जिसे फ्लेमिंग के बाए हाथ का नियम के नाम से भी जानते है, 

फ्लेमिंग का वामहस्त नियम Fleming Left Hand Thumb Rule in Hindi - चुंबकीय क्षेत्र में धारावाही चालक में लगनेवाले बल की दिशा फ्लेमिंग के  वाम-हस्त नियम (Fleming’s Left-Hand Rule)  द्वारा जानी जा सकती है। इस  नियम के अनुसार, 

यदि हम अपने बाएँ हाथ की तीन अँगुलियों मध्यमा (Middle Finger),तर्जनी (Forefinger) तथा अँगूठे (Thumb) को परस्पर लंबवत फैलाएँ  

और यदि तर्जनी चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा तथा मध्यमा धरा की दिशा को दर्शाते  हैं,तब अँगूठा धारावाही चालक पर लगे बल की दिशा को व्यक्त करता है। 

उदहारण के लिए, यदि एक ऊर्ध्वाधर (Vertical) तार में धारा ऊपर की ओर प्रवाहित हो रही हो और चुंबकीय क्षेत्र पूर्व से पश्चिम की ओर हो 

तो फ्लेमिंग के वाम-हस्त नियम का उपयोग कर हम तार पर लगते हुए बल की दिशा निकल सकते हैं। बाएँ हाथ की मध्यमा को धारा की दिशा में , 

अर्थात ऊपर की ओर तथा तर्जनी को चुंबकीय क्षेत्र की दिशा,अर्थात पश्चिम की  ओर करने पर हम पाते हैं कि अँगूठा दक्षिण की ओर इंगित करता है। अतः,चालक पर  बल की दिशा दक्षिण की ओर होगी, 

यानि फ्लेमिंग का वाम हस्त का नियम के नियम के अनुसार अपने बाएं हाथ की तर्जनी मध्यमा और अंगूठे को इस प्रकार है 

कि यह तीनों एक दूसरे की परस्पर लंबवत हो। यदि तर्जनी चुंबकीय क्षेत्र की  दिशा और मध्यमा चालक में प्रभावित विद्युत धारा की दिशा प्रदर्शित करे 

तो अंगूठा चालक की गति की दिशा अथवा चालक पर आरोपित बल की दिशा की ओर संकेत करेगा। 

फ्लेमिंग के वामहस्त नियम के अनुसार – यदि बाएँ हाथ के अंगूठे, तर्जनी और मध्यमा को इस प्रकार फैलाया जाता है 

जिस से कि वे एक दुसरे के लंबवत हो तो ऐसे मे तर्जनी चुंबकीय क्षेत्र की दिशा को दर्शाती है, 

और मध्यमा धारा की दिशा को दर्शाती है, तो अंगूठा बल की दिशा को दर्शाता है। 

और मध्यमा धारा की दिशा को दर्शाती है, तो अंगूठा बल की दिशा को दर्शाता है।