आज के इस पोस्ट मे तैमूरलंग का इतिहास History of Taimur Lang in Hindi के बारे मे जानेगे। वैसे तो हिंदुस्तान में सालो तक आक्रमण करने वाले और भारत को लूटने वाले क्रूर शासको की कई घटनाये प्रमुख है जिनमे तैमूरलंग का नाम प्रमुखता से आता है,
और अधिक जाने
भारत में विदेशी आक्रमणकारियों का लम्बा इतिहास रहा है. मुहम्मद बिन कासिम, महमूद गज़नवी, मुहम्मद गोरी और चंगेज खान आदि भारत में आकर अपनी क्रूरता का दृश्य बता चुके थे. अगला नाम था एक तुर्क शासक का नाम था तैमूर लंग इसका जन्म उज्बेकिस्तान के समरकंद में 1336 मे हुआ था.
और अधिक जाने
इन योद्धाओं को इतिहास के पन्नों में ‘दरिंदा’ कहकर नवाजा जाता है। आज इन्हीं दरिंदों में से हम एक ऐसे योद्धा के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपाहिज था लेकिन उसकी ये कमी कभी उसकी कमजोरी नहीं बनी।
और अधिक जाने
तैमूर की शारीरिक विकलांगता कभी उसके आड़े नहीं आई। उसके कट्टर आलोचक भी मानते हैं कि तैमूरलंग में ताकत और साहस कूट-कूट कर भरा हुआ था। वह 35 साल तक युद्ध के मैदान में लगातार जीत हासिल करता रहा। अपनी शारीरिक दुर्बलताओं से पार पाकर विश्व-विजेता बनने का ऐसा दूसरा उदाहरण इतिहास में नहीं है
और अधिक जाने
इनमें से ही एक नाम है तैमूर लंग का, जो चौदहवीं शताब्दी का एक शासक था जिसने तैमूरी राजवंश की स्थापना की थी। उसका राज्य पश्चिम एशिया से लेकर मध्य एशिया होते हुए भारत तक फैला था। भारत के मुगल साम्राज्य का संस्थापक बाबर तैमूर का ही वंशज था। तो आइए क्रूर हत्यारे तैमूर लंग के बारे मे जानते है –
और अधिक जाने
भारत के इतिहास का सबसे क्रूर लुटेरा तैमूर लंग की कहानी बड़ी ही विचित्र है. उसका पिता तुरगाई बरलस तुर्कों का नेता था, इसका बचपन एक चोर का रहा, वह भेड़े चुराया करता था.
और अधिक जाने
तैमूरलंग जीवन की मुश्किलों से पार पाने में सफल रहा। पंद्रहवीं शताब्दी के सीरियाई इतिहासकार इब्ने अरबशाह के अनुसार तैमूर भेड़ चुराते हुए एक चरवाहे के तीर से घायल हुआ था।
और अधिक जाने
स्पेनिश राजदूत क्लेविजो के अनुसार वह सिस्तान के घुड़सवारों का सामना करते हुए उसका दाहिना पैर जख्मी हुआ था जिसके कारण वह जीवनभर लँगड़ाता रहा, बाद में उसका दाहिना हाथ भी जख्मी हो गया।
और अधिक जाने
उसके भारत पर आक्रमण करने के कई कारण था. खिज्र खां आदि का आमंत्रण तथा सबसे प्रभावी कारण था, मुस्लिम शासकों द्वारा काफिर यानि हिन्दू जनता के साथ बरती जाने वाली सहानुभूति ने इन्हें भारत पर आक्रमण कर हिन्दुओं का कत्लेआम कर उनकी सम्पति को लूट कर ले जाना उसका लक्ष्य था.
और अधिक जाने
‘तुजुके तैमुरी’ यह तैमूर की आत्मकथा थी, जिसमें वह कुरान की पहली आयत से इसकी शुरुआत करते हुए लिखता है ‘ऐ पैगम्बर काफिरों और विश्वास न लाने वालों से युद्ध करो और उन पर सख्ती बरतो।
और अधिक जाने
लंग का जन्म शासकों के परिवार में नहीं हुआ था, तैमूर लंग सामान्य परिवार में जन्मा था और लंगड़ा होने के कारण इसका नाम तैमूर लंग पड़ा।
और अधिक जाने
तैमूर के पिता तुरगाई बरलस तुर्कों का नेता था। और तैमूर ने बरलस तुर्क खानदान में जन्म लिया था। तैमूर की माता का नाम तकीना खातुन था।
और अधिक जाने
माना जाता है कि तैमूर लंग बचपन से ही छोटी-मोटी चोरियां करता था और समय के साथ साथ वह धीरे-धीरे लुटेरों के साथ शामिल हो गया।
और अधिक जाने
तैमूर लंग एक विश्व विजेता बनना चाहता था जिसके कारण उसने भारत के साथ-साथ विश्व के अन्य देशों में पैशाचिक क्रूरता दिखाई, लंग एक वहशी व्यक्तित्व वाला शासक था, इसने जगह-जगह पर लोगों को मारकर नर मुंडो के बड़े-बड़े ढेर लगाए थे।
और अधिक जाने
तैमूर ने सबसे पहले सन 1380 में इराक की राजधानी बगदाद पर हमला बोला था, जहां हजारों लोगों का कत्ल कर उनकी खोपड़ियों के ढेर लगा दिए थे। फिर उस ने एक के बाद एक कई खूबसूरत राज्यों को खंडहर में बदल दिया। कटे हुए सिरों के बड़े-बड़े ढेर लगाने में उसे ख़ास मजा आता था।
और अधिक जाने