आज के इस पोस्ट के जरिये जानेगे की अंग्रेजी रसायनिज्ञ वैज्ञानिक जॉन एलेक्जैंडर न्यूलैंडस द्वारा निर्धारित न्यूलैण्ड का अष्टक नियम Newlands Law Of Octaves in Hindi क्या है
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तथा साथ मे
न्यूलैण्ड की अष्टक नियम की उपलब्धियाँ और न्यूलैण्ड का अष्टक के गुण और दोष Limits and Defects of Newlands Law Of Octaves in Hindi
को भी जानेगे।
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1864 में एक अंग्रेजी रसायनिज्ञ जॉन एलेक्जैंडर न्यूलैंडस ने तत्वों को उनके परमाणु भार के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित किया।
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उन्होंने यह देखा कि हर आठवें तत्व के गुण पहले तत्व के गुणों के समान थे।
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न्यूलैण्ड ने इसे अष्टक के नियम का नाम दिया। यह नाम संगीत के सुर, जहां हर आठवां सुर पहले सुर की पुनरावृति जैसा कि नीचे दिखाया गया है, के साथ इसकी समानता के कारण किया था।
1 2 3 4 5 6 7 8
सा रे गा मा पा धा नी सा
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न्यूलैण्ड के द्वारा किया गया तत्वों का वर्गीकरण सारणी में दिखाया गया है।
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लीथियम (Li) से शुरू करके आठवां तत्व सोडियम (Na) है और इसके गुण लीथियम के समान हैं।
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इसी प्रकार बेरीलियम (Be), मैगनीशियम (Mg) और कैल्शियम (Ca) एक दूसरे के सदृश हैं।
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फ्लोरीन (F) और क्लोरीन (Cl) भी रासायनिक दृष्टि से एक समान हैं।
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अष्टक नियम के अनुसार तत्वों की परमाणु भार के साथ व्यवस्था Li Be B C N O F (7) (9) (11) (12) (14) (16) (19) Na Mg Al Si P S Cl (23) (24) (27) (28) (31) (32) (35.5) K Ca (39) (40)
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न्यूलैंड के अष्टक की सीमाएँ
Limits of Newland’s Octave in Hindi
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1. परमाणु भार (द्रव्यमान) को वर्गीकरण का आधार बनाया गया था।
2. गुणों की आर्वत्तिका (एक निश्चित अंतराल के बाद गुणों की पुनरावृत्ति) को पहली बार मान्यता प्राप्त की गई थी।
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3– अष्टक का सिद्धांत केवल कैल्सियम तक ही लागू होता था, क्योंकि कैल्सियम के बाद प्रत्येक आठवें तत्व गए गुणधर्म पहले तत्व से नहीं मिलता।
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4– न्यूलैंड्स ने कल्पना की थी कि प्रकृति में केवल 56 तत्व विद्यमान हैं और भविष्य में कोई अन्य तत्व नहीं मिलेगा।
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