आज के इस पोस्ट के जरिये ऊर्जा के नवीकरणीय तथा अनवीकरणीय स्रोत Renewable Sources of Energy and Non-renewable Sources of Energy in Hindi को जानेगे।
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ऊर्जा के स्रोत
ऊर्जा के स्रोत वे होते हैं जिनके द्वारा घरेलू तथा औद्योगिक गतिविधियों को पूरा किया जाता है।
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किसी भी देश के औद्योगिकीकरण में कारखानों को चलाने के लिए किसी न किसी चालक या शक्ति के साधन की आवश्यकता होती है।
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वे पदार्थ जिनसे मशीनों को चलाने के लिए शक्ति प्राप्त होती है वह ऊर्जा के स्रोत कहलाते हैं ।
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प्राचीन काल से ही मानव ने शक्ति के साधनों को खोजने का कार्य जारी रखा है। सर्वप्रथम वे छोटे-मोटे कार्यों के लिए लकड़ी के कोयले का प्रयोग करते थे,
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बाद में उसने पत्थर के कोयले, खनिज तेल, वायुजल तथा जल विद्युत द्वारा उद्योगों का संचालन करना भी सीख लिया।
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भारत के शक्ति स्रोतों का अभी पूर्ण रूप से विकास नहीं हुआ है। भारत अपनी आवश्यकता के अनुसार खनिज तेल और जल विद्युत शक्ति के उत्पादन की मात्रा को बढ़ाता रहता है,
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किंतु विश्व के उन्नतशील देशों की तुलना में भारत में शक्ति का उत्पादन अभी कम है।
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वे संसाधन जो पृथ्वी के अंदर से प्राप्त होते हैं उनकी मात्रा सीमित होती है इसलिए उनका उपयोग में दिव्यता के साथ करना चाहिए।
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इन पदार्थों को सामान्यतः ऊर्जा के पारंपरिक स्रोत कहते हैं आज हम नीचे ऊर्जा के इन्हीं नवीकरणीय तथा अनवीकरणीय स्रोतों के बारे में जानेंगे।
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आपने पढ़ा होगा कि ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों में कुछ स्रोत ऐसे होते हैं जो सीमित अवधि के लिए होते हैं और समाप्त हो जाते हैं
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लेकिन कुछ स्त्रोत ऐसे होते हैं जो समाप्त नहीं होते हैं। कोयला और पेट्रोलियम तथा अन्य खनिज प्रकृति में धीमी गति से निर्मित होते हैं।
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कोयला पेट्रोलियम आदि जिनका प्रयोग हम वर्तमान समय में कर रहे हैं यह अरबों वर्षों पूर्व अपघटित हो रहे
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पेड़ों तथा पशु व छोटे पक्षियों के अवशेषों से निर्मित होते हैं। जबकि पवन प्रवाहित जल सूर्य का प्रकाश ज्वार भाटा इत्यादि ऐसे ऊर्जा के स्रोत हैं जो कभी समाप्त नहीं हो सकते हैं।
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