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प्रकाश परावर्तन एवं अपवर्तन क्या है – Light Reflection and Refraction in Hindi

आज के पोस्ट मे Light Reflection And Refraction In Hindi यानि प्रकाश-परावर्तन एवं अपवर्तन क्या है इसके बारे मे जानेगे, तो चलिये अब Light Reflection And Refraction In Hindi प्रकाश-परावर्तन एवं अपवर्तन के बारे मे जानते है

प्रकाश का परावर्तन और प्रकाश का अपवर्तन क्या है

Light Reflection And Refraction In Hindi

Light Reflection and Refraction in Hindiजब प्रकाश की किरण किसी परावर्तक पृष्ठ से टकराता है तो यह टकराकर पुन: उसी माध्यम में मुड जाता है जिस माध्यम से यह चलकर आता है | इसे ही प्रकाश का परावर्तन (Reflection Of Light) कहते हैं |

जब एक छोटा प्रकाश स्रोत किसी अपारदर्शी वस्तु की तीक्ष्ण छाया बनाता है, प्रकाश के एक सरल रेखीय पथ की ओर इंगित करता है, जिसे प्रायः प्रकाश किरण कहते हैं।

प्रकाश का मार्ग सदा सीधा एवं सरल होता है |  प्रकाश सभी वस्तुओं को दृश्यमान बनाता है|  कोई वस्तु उस पर पड़ने वाले प्रकाश को परावर्तित करती है। यह परावर्तित प्रकाश जब हमारी आँखों द्वारा ग्रहण किया जाता है, तो हमें वस्तुओं को देखने योग्य बनाता है।

किसी पारदर्शी माध्यम से हम आर-पार देख सकते हैं, क्योंकि प्रकाश इससे पार (Transmitted) हो जाता है |

प्रकाश से सम्बद्ध अनके सामान्य तथा अदभुत परिघटनाएं हैं जसै – दर्पणों द्वारा प्रतिबिंब का बनना, तारों का टिमटिमाना, इन्द्रधनुष के सुन्दर रंग, किसी माध्यम द्वारा प्रकाश का मोड़ना आदि।

यदि प्रकाश के पथ में रखी अपारदर्शी वस्तु अत्यंत छोटी हो तो प्रकाश सरल रेखा में चलने की बजाय इसके किनारों पर मुड़ने की प्रवृत्ति दर्शाता है – इस प्रभाव को प्रकाश का विवर्तन (Diffraction Of Light) कहते हैं।

प्रकाश का अपवर्तन (Refraction Of Light in Hindi)

जब प्रकाश की किरण एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाती हैं तो यह अपने मार्ग से विचलीत हो जाती हैं। प्रकाश के किरण को अपने मार्ग से विचलीत हो जाना प्रकाश का अपवर्तन कहलाता हैं ।प्रकाश का अपवर्तन सिर्फ पारदर्शी पदार्थों से ही होता है | जैसे शीशा, वायु, जल आदि |

जब प्रकाश की किरण किन्हीं दो माध्यमों के सीमा तल पर तिरछी आपतित होती हैं तो आपतन कोण (I) की ज्या  (Sine) तथा  अपवर्तन कोण की ज्या (Sine) का अनुपात एक नियतांक होता हैं । इस नियम को स्नेल का अपवर्तन नियम भी कहते  हैं |

जब प्रकाश की किरण एक माध्यम (विरल) से दूसरे माध्यम (सघन) मे जाती हैं तो यह अभिलंब की ओर मुड जाती हैं । जब यही प्रकाश की किरण सघन से विरल की ओर जाती हैं तो अभिलंब से दूर भागती हैं।

जब प्रकाश की किरण किन्हीं दो माध्यमों के सीमा तल पर तिरछी आपतित होती हैं तो आपतन कोण (I) की ज्या  (Sine) तथा  अपवर्तन कोण की ज्या (Sine) का अनुपात एक नियतांक (स्थिरांक) होता हैं । इसी स्थिरांक के मान को पहले माध्यम के सापेक्ष दुसरे माध्यम का अपवर्तनांक (Refractive Index) कहते हैं |

दो पृष्ठों से घिरा हुआ कोई पारदर्शी माध्यम जिसका एक या दोनों पृष्ठ गोलीय है, लेंस कहलाता है |

वह लेंस जिसके दोनों बाहरी गोलीय पृष्ठों का उभार बाहर की ओर हो उसे उत्तल लेंस (Convex Lens) कहते हैं | इस लेंस को अभिसारी लेंस (Converging Lens) भी कहते हैं क्योंकि यह अपने से गुजरने वाले प्रकाश किरणों को अभिसरित कर देता है |

वह लेंस जिसके दोनों बाहरी गोलीय पृष्ठ अंदर की ओर वक्रित हो उसे अवतल लेंस (Concave Lens) कहते हैं | इस लेंस को अपसारी लेंस (Diverging Lens) भी कहते हैं क्योंकि यह अपने से गुजरने वाले प्रकाश किरणों को अपसरित कर देता है |

प्रकाश का आधुनिक क्वांटम सिद्धांत (Modern Quantum Theory Of Light)

जिसमें प्रकाश को न तो ‘तरंग’ माना गया न ही ‘कण’। इस नए सिद्धांत ने प्रकाश के कण संबंधी गुणों तथा तरंग प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित किया।

जब प्रकाश की किरण किसी परावर्तक पृष्ठ से टकराता है तो यह टकराकर पुन: उसी माध्यम में मुड जाता है जिस माध्यम से यह चलकर आता है | इसे ही प्रकाश का परावर्तन (Reflection Of Light) कहते हैं |

परावर्तन का नियम – परावर्तन का नियम क्या है, चलिये जानते है :-

  1. आपतन कोण, परावर्तन कोण के बराबर होता है,
  2. आपतित किरण, दर्पण के आपतन बिंदु पर अभिलंब तथा परावर्तित किरण, सभी एक ही तल में होते हैं |

परावर्तन के ये नियम गोलीय पृष्ठों सहित सभी प्रकार के परावर्तक पृष्ठों के लिए लागू होते हैं।

समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिंब का गुण (Properties Of The Image Formed By A Plane Mirror)

  1. समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब सदैव आभासी तथा सीधा होता है।
  2. प्रतिबिंब का साइज बिंब (वस्तु) के साइज़ के बराबर होता है।
  3. प्रतिबिंब दर्पण के पीछे उतनी ही दूरी पर बनता है, जितनी दूरी पर दर्पण के सामने बिंब है।
  4. इसके अतिरिक्त प्रतिबिंब पार्श्व परिवर्तित होता है।

प्रकाश की किरण (A Ray Of Light)

 जब प्रकाश अपने प्रकाश के स्रोत से गमन करता है तो यह सीधी एवं एक सरल रेखा होता है | प्रकाश के स्रोत से चलने वाले इस रेखा को प्रकाश की किरण कहते है |

छाया (Shadow)

जब प्रकाश किसी अपारदर्शी वस्तु से होकर गुजरता है तो यह प्रकाश की किरण को परावर्तित कर देता है जिससे उस अपारदर्शी वस्तु की छाया बनती है |

दर्पण (Mirror) :-

यह एक चमकीला और अधिक पॉलिश किया हुआ परावर्तक पृष्ठ होता है जो अपने सामने रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब बनाता है.

गोलीय दर्पण (Spherical Mirror) :

इसका परावर्तक पृष्ठ वक्र (मुड़ा हुआ) होता है | गोलीय दर्पण का परावर्तक पृष्ठ अन्दर की ओर या बाहर की ओर वक्रित हो सकता है | ऐसे दर्पण जिसका परावर्तक पृष्ठ गोलीय होता है, गोलीय दर्पण कहलाता है |

अवतल दर्पण (Concave Mirror) :

इसका परावर्तक पृष्ठ अन्दर की ओर अर्थात गोले के केंद्र की ओर धसा हुआ (वक्रित)  होता है |

उत्तल दर्पण (Convex Mirror)

इसका परावर्तक पृष्ठ बाहर की तरफ उभरा हुआ (वक्रित) होता है |

ध्रुव (Pole):

गोलीय दर्पण के परावर्तक पृष्ठ के केंद्र को दर्पण का ध्रुव कहते है | इसे P से इंगित किया जाता है |

वक्रता केंद्र (Center Of Curvature)

गोलीय दर्पण का परावर्तक पृष्ठ एक गोले का भाग होता है | इस गोले का केंद्र को गोलीय दर्पण का वक्रता केंद्र कहते है, इसे अंग्रेजी के बड़े अक्षर C से इंगित किया जाता है |

वक्रता त्रिज्या (The Radius Of Curvature)

गोलीय दर्पण के ध्रुव एवं वक्रता केंद्र के बीच की दुरी को वक्रता त्रिज्या कहते है |

मुख्य अक्ष (Principal Axis)

गोलीय दर्पण के ध्रुव एवं वक्रता केंद्र से होकर गुजरने वाली एक सीधी रेखा को दर्पण का मुख्य अक्ष कहते है |

मुख्य फोकस (Principal Focus)

दर्पण के ध्रुव एवं वक्रता केंद्र के बीच एक अन्य बिंदु F होता है जिसे मुख्य फोकस कहते है | मुख्य अक्ष के समांतर आपतित किरणें परावर्तन के बाद अवतल दर्पण में इसी मुख्य फोकस पर प्रतिच्छेद करती है तथा उत्तल दर्पण में प्रतिच्छेद करती प्रतीत होती है |

फोकस दुरी (Focal Length)

दर्पण के ध्रुव एवं मुख्य फोकस के बीच की दुरी को फोकस दुरी कहते है, इसे अंग्रेजी के छोटे अक्षर () से इंगित किया जाता है | यह दुरी वक्रता त्रिज्या की आधी होती है |

द्वारक (Aperatute)

गोलीय दर्पण का परावर्तक पृष्ठ अधिकांशत: गोलीय ही होता है | इस पृष्ठ की एक वृत्ताकार सीमा रेखा होती है | गोलीय दर्पण के परावर्तक पृष्ठ की इस सीमा रेखा का व्यास, दर्पण का द्वारक कहलाता है |

 उत्तल दर्पणों का उपयोग सामान्यतः वाहनों के पश्च.दृश्य (Wing) दर्पणों के रूप में किया जाता है।

दर्पण सूत्र (Mirror Formula)

प्रतिबिंब की दुरी (V) का व्युत्क्रम और बिंब की दुरी (U) का व्युत्क्रम का योग फोकस दुरी (F) के व्युत्क्रम के बराबर होता है |

किसी बिंब का प्रतिबिंब कितना गुना बड़ा है या छोटा है यही प्रतिबिंब का आवर्धन कहलाता है |

आवर्धन के लिए बिंब की ऊँचाई धनात्मक ली जाती है, क्योंकि बिंब हमेशा मुख्य अक्ष के ऊपर और सीधा रखा जाता है |

आभासी तथा सीधा प्रतिबिंब के लिए प्रतिबिंब की ऊँचाई (H’) धनात्मक (+) ली जाती है और वास्तविक और उल्टा प्रतिबिंब के लिए बिंब कि ऊँचाई (H’) ऋणात्मक (-) ली जाती है |

लेंस की क्षमता (Lens Capacity)

किसी लेंस द्वारा प्रकाश किरणों को अभिसरण और अपसरण करने की मात्रा (Degree) को लेंस की क्षमता कहते हैं | यह उस लेंस के फोकस दुरी के व्युत्क्रम के बराबर होता है | इसे P द्वारा व्यक्त किया जाता है और इसका S.I मात्रक डाइऑप्टर (D) होता है |

प्रकाश-परावर्तन एवं अपवर्तन से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर Light Reflection And Refraction Question Answer In Hindi

प्रश्न 1. अवतल दर्पण के मुख्य फोकस की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:

मुख्य अक्ष के समांतर आपतित किरणें परावर्तन के बाद दर्पण के ध्रुव एवं वक्रता केंद्र के बीच एक बिंदु F पर प्रतिच्छेद करती है | इसी बिंदु को अवतल दर्पण का मुख्य फोकस कहते है |

प्रश्न 2. एक गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या 20 Cm है। इसकी फोकस दूरी क्या होगी?
उत्तर:
वक्रता त्रिज्या = 20 Cm
फोकस दुरी = वक्रता त्रिज्या/2
= 20/2
= 10 Cm
अत: दिए गए गोलीय दर्पण का फोकस दुरी 10 Cm है |

प्रश्न 3. उस दर्पण का नाम बताइए जो बिंब का सीधा तथा आवर्धित प्रतिबिंब बना सके।
उत्तर:

अवतल दर्पण, जब अवतल दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच बिंब को रखते है तो यह सीधा तथा आवर्धित प्रतिबिंब बनाता है |

प्रश्न 4. हम वाहनों में उत्तल दर्पण को पश्च-दृश्य दर्पण के रूप में वरीयता क्यों देते हैं?
उत्तर:

उत्तल दर्पणों को इसलिए भी प्राथमिकता देते हैं क्योंकि ये सदैव सीधा प्रतिबिंब बनाते हैं यद्यपि वह छोटा होता है। इनका दृष्टि.क्षेत्र भी बहुत अधिक है क्योंकि ये बाहर की ओर वक्रित होते हैं। अतः समतल दर्पण की तुलना में उत्तल दर्पण ड्राइवर को अपने पीछे के बहुत बड़े क्षेत्र को देखने में समर्थ बनाते हैं।

प्रश्न 5. उस उत्तल दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए जिसकी वक्रता-त्रिज्या 32 Cm है।
उत्तर:

उत्तल दर्पण में,
वक्रता त्रिज्या R = 32 Cm
वक्रता त्रिज्या = 2 × फोकस दुरी
फोकस दुरी = वक्रता त्रिज्या/2
= 32/2
= 16 Cm
अत: उस उत्तल दर्पण की फोकस दुरी = 16 Cm है |

प्रश्न 6. कोई अवतल दर्पण आपने सामने 10 Cm दूरी पर रखे किसी बिंब का तीन गुणा आवर्धित (बड़ा) वास्तविक प्रतिबिंब बनाता है। प्रतिबिंब दर्पण से कितनी दूरी पर है।
उत्तर:
अवतल दर्पण में,
बिंब की दुरी (U) = – 10 Cm
आवर्धन (M) = – 3 [चूँकि प्रतिबिंब वास्तविक है ]

प्रश्न 7. आपको किरोसिन, तारपीन का तेल तथा जल दिए गए हैं। इनमें से किसमें प्रकाश सबसे अधिक तीव्र गति से चलता है? सारणी 10.3 में दिए गए आँकड़ों का उपयोग कीजिए।
उत्तर:
सारणी 10.3 से
किरोसिन का अपवर्तनांक = 1.44
तारपीन का अपवर्तनांक = 1.47
जल का अपवर्तनांक = 1.33
इसमें जल में प्रकाश की चाल सबसे अधिक है और तारपीन के तेल में प्रकाश की चाल सबसे कम है क्योंकि जिसका अपवर्तनांक जितना अधिक होगा उस माध्यम में प्रकाश की चाल उतनी ही कम होगी और जिस माध्यम का अपवर्तनांक जितना कम होगा उसमें प्रकाश की चाल उतनी ही अधिक होगी |

प्रश्न 8. हीरे का अपवर्तनांक 2.42 है। इस कथन का क्या अभिप्राय है?
उत्तर:

हीरे का अपवर्तनांक 2.42 है। इस कथन का अभिप्राय यह है कि हीरा का प्रकाशिक घनत्व अधिक है जिससे यह एक कठोर पदार्थ है इसमें प्रकाश की चाल सबसे कम है |

प्रश्न 9. किसी लेंस की 1 डाइऑप्टर क्षमता को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:

यदि किसी लेंस की फोकस दुरी 1 मीटर है तो इसे लेंस की 1 डाइऑप्टर क्षमता कहते है |

प्रश्न 10. कोई उत्तल लेंस किसी सुई का वास्तविक तथा उल्टा प्रतिबिंब उस लेंस से 50 Cm दूर बनाता है। यह सुई, उत्तल लेंस के सामने कहाँ रखी है, यदि इसका प्रतिबिंब उसी साइज का बन रहा है जिस साइज का बिंब है। लेंस की क्षमता भी ज्ञात कीजिए।
उत्तर:

उत्तल लेंस में –
प्रतिबिंब वास्तविक एवं उल्टा है |
अत: प्रतिबिम्ब की दुरी (V) = 50 Cm
बिंब की ऊंचाई (H) = प्रतिबिंब की ऊंचाई (H’)

प्रश्न 11. निम्न में से कौन-सा पदार्थ लेंस बनाने के लिए प्रयुक्त नहीं किया जा सकता?
(A) जल
(B) काँच
(C) प्लास्टिक
(D) मिट्टी
उत्तर:

(D) मिटटी

प्रश्न 12. किसी बिंब का अवतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब आभासी, सीधा तथा बिंब से बड़ा पाया गया। वस्तु की स्थिति कहाँ होनी चाहिए?
(A) मुख्य फोकस तथा वक्रता केंद्र’ के बीच
(B) वक्रता केंद्र पर
(C) वक्रता केंद्र से परे
(D) दर्पण के ध्रुव तथा मुख्य फोकस के बीच
उत्तर:
(A) मुख्य फोकस तथा वक्रता केंद्र’ के बीच

प्रश्न 13. किसी बिंब का वास्तविक तथा समान साइज का प्रतिबिंब प्राप्त करने के लिए बिंब को उत्तल लेंस के सामने कहाँ रखें?
(A) लेंस के मुख्य फोकस पर
(B) फोकस दूरी की दोगुनी दूरी पर
(C) अनंत पर
(D) लेंस के प्रकाशिक केंद्र तथा मुख्य फोकस के बीच
उत्तर:

(B) फोकस दूरी की दोगुनी दूरी पर

प्रश्न 14. किसी गोलीय दर्पण तथा किसी पतले गोलीय लेंस दोनों की फोकस दूरियाँ -15 Cm हैं। दर्पण तथा लेंस संभवतः हैं-
(A) दोनों अवतल
(B) दोनों उत्तल
(C) दर्पण अवतल तथा लेंस उत्तल
(D) दर्पण उत्तल तथा लेंस अवतल
उत्तर:
(A) दोनों अवतल

प्रश्न 15. किसी दर्पण से आप चाहे कितनी ही दूरी पर खड़े हों, आपका प्रतिबिंब सदैव सीधा प्रतीत होता है। संभवतः दर्पण है-
(A) केवल समतल
(B) केवल अवतल
(C) केवल उत्तल
(D) या तो समतल अथवा उत्तल
उत्तर:
(D) या तो समतल अथवा उत्तल

प्रश्न 16. किसी शब्दकोष (Dictionary) में पाए गए छोटे अक्षरों को पढ़ते समय आप निम्न में से कौन-सा लेंस पसंद करेंगे?
(A) 50 Cm फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस
(B) 50 Cm फोकस दूरी का एक अवतल लेंस
(C) 5 Cm फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस
(D) 5 Cm फोकस दूरी का एक अवतल लेंस
उत्तर :
(C) 5 Cm फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस

प्रश्न 17. 15 Cm फोकस दूरी के एक अवतल दर्पण का उपयोग करके हम किसी बिंब का सीधा प्रतिबिंब बनाना चाहते हैं। बिंब का दर्पण से दूरी का परिसर (Range) क्या होना चाहिए? प्रतिबिंब की प्रकृति कैसी है? प्रतिबिंब बिंब से बड़ा है अथवा छोटा? इस स्थिति में प्रतिबिंब बनने का एक किरण आरेख बनाइए।
उत्तर:

अवतल दर्पण में आभासी एवं सीधा प्रतिबिंब तभी बनता है जब बिंब मुख्य फोकस और ध्रुव के बीच हो | चूँकि अवतल दर्पण का फोकस दुरी 15 Cm है, अर्थात ध्रुव और फोकस की बीच की दुरी 15 Cm है | इसलिए बिंब को 0cm से 15cm के बीच दर्पण के सामने रखना चाहिए, तभी सीधा प्रतिबिंब बनता है |

प्रतिबिंब की प्रकृति : आभासी एवं सीधा
प्रतिबिंब का आकार : वस्तु से बड़ा

प्रश्न 18. निम्न स्थितियों में प्रयुक्त दर्पण का प्रकार बताइए-
(A) किसी कार का अग्र-दीप (हैड-लाइट)
(B) किसी वाहन का पार्श्व/पश्च-दृश्य दर्पण
(C) सौर भट्टी
अपने उत्तर की कारण सहित पुष्टि कीजिए।
उत्तर:

(A) किसी कार का अग्र-दीप (हैड-लाइट) अवतल दर्पण का बनाया जाता है, क्योंकि यदि बल्ब को दर्पण के मुख्य फोकस पर रख दिया जाए तो यह दर्पण से परावर्तित होकर एक समांतर किरण पुंज बनाता है |

(B) किसी वाहन का पार्श्व/पश्च-दृश्य दर्पण के लिए उत्तल दर्पण का प्रयोग किया जाता है क्योंकि ये सदैव छोटा परन्तु सीधा प्रतिबिंब बनाता है | चूँकि उत्तल दर्पण बाहर की ओर वक्रित होता है इसलिए इसका दृष्टि-क्षेत्र काफी बढ़ जाता है जीससे ड्राईवर गाड़ी के पीछे के बहुत बड़े हिस्से को देख पाता है |
(C) सौर भट्टी में सूर्य के प्रकाश केन्द्रित करना पड़ता है जिसके लिए अवतल दर्पण उपयुक्त है | यह दर्पण अनंत से होकर आने वाला मुख्य अक्ष के समान्तर प्रकाश किरणों को फोकस से होकर गुजारता है जिससे फोकस के आस-पास का तापमान 180C से 200C तक बढ़ जाता है |

प्रश्न 19. किसी उत्तल लेंस का आधा भाग काले कागज से ढक दिया गया है। क्या यह लेंस किसी बिंब का पूरा प्रतिबिंब बना पाएगा? अपने उत्तर की प्रयोग द्वारा जाँच कीजिए। अपने प्रेक्षणों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:

हाँ, किसी उत्तल लेंस को यदि आधा भाग काले कागज से ढक भी दिया जाए तब भी यह लेंस किसी दिए गए बिंब का पूरा एवं स्पष्ट प्रतिबिंब बनाता है |

जाँच – अब एक काले कागज से आधा भाग ढका हुआ उत्तल लेंस को किसी स्टैंड के सहारे रखते हैं और लेंस के एक तरफ जलती हुई मोमबती तथा दूसरी तरफ एक सफ़ेद पर्दा रखिये | अवलोकन में हम पाते हैं कि पर्दे पर मोमबती का पूरा प्रतिबिंब बना हुआ है जो वास्तविक एवं उल्टा है |

प्रश्न 20. 5 Cm लंबा कोई बिंब 10 Cm फोकस दूरी के किसी अभिसारी लेंस से 25 Cm दूरी पर रखा जाता है। प्रकाश किरण-आरेख खींचकर बनने वाले प्रतिबिंब की स्थिति, साइज तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।
उत्तर:

किरण आरेख –

बिंब की ऊंचाई (H) = + 5 Cm
अभिसारी अर्थात उत्तल लेंस में
फोकस दुरी (F) = + 10 Cm [लेंस अभिसारी है] बिंब की दुरी (U) = – 25 Cm

प्रतिबिंब की स्थिति : प्रतिबिंब लेंस के दूसरी ओर 16.67 Cm की दुरी पर बनेगा |

प्रतिबिंब का साइज़ : प्रतिबिंब बिंब से छोटा है | तथा ऋणात्मक चिन्ह बताता है कि प्रतिबिंब वास्तविक और उल्टा है |
प्रतिबिंब की प्रकृति : वास्तविक और उल्टा |

प्रश्न 21. 15 Cm फोकस दूरी का कोई अवतल लेंस किसी बिंब का प्रतिबिंब लेंस से 10 Cm दूरी पर बनाता है। बिंब लेंस से कितनी दूरी पर स्थित है? किरण आरेख खींचिए।
उत्तर :

अवतल लेंस की फोकस दुरी (F) = – 15 Cm
बिंब की दुरी (U) = ?
प्रतिबिंब की दुरी (V) = – 10 Cm
लेन्स सूत्र से,

अत: बिंब को लेंस से 30 Cm दूर रखेंगे |

प्रश्न 22. 15 Cm फोकस दूरी के किसी उत्तल दर्पण से कोई बिंब 10 Cm दूरी पर रखा है। प्रतिबिंब की स्थिति तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।
उत्तर :

उत्तल दर्पण की फोकस दुरी = 15 Cm
बिंब की दुरी = -10 Cm

प्रतिबिंब की स्थिति : प्रतिबिंब दर्पण के पीछे 6 Cm दुरी पर बनेगा |
प्रतिबिंब की प्रकृति : आभासी और सीधा होगा |

प्रश्न 23. एक समतल दर्पण द्वारा उत्पन्न आवर्धन 1 है। इसका क्या अर्थ है?
उत्तर :

समतल दर्पण द्वारा उत्पन्न आवर्धन 1 है इसका अर्थ यह है कि बिंब का आकार प्रतिबिंब के आकार के बराबर है और बिंब से समान दुरी पर प्रतिबिंब दर्पण के पीछे बना है | इसका धनात्मक चिन्ह यह बताता है कि प्रतिबिंब आभासी और सीधा है |

प्रश्न 24. 5.0 Cm लंबाई का कोई बिंब 30 Cm वक्रता त्रिज्या के किसी उत्तल दर्पण के सामने 20 Cm दूरी पर रखा गया है। प्रतिबिंब की स्थिति, प्रकृति तथा साइज ज्ञात कीजिए।
उत्तर :

उत्तल दर्पण का वक्रता त्रिज्या (R) = 30 Cm

प्रतिबिंब की स्थिति : प्रतिबिंब दर्पण के पीछे 8.6 Cm दुरी पर बनेगा |
प्रतिबिंब की प्रकृति : आभासी और सीधा होगा |

प्रश्न 25. 7.0 Cm साइज का कोई बिंब 18 Cm फोकस दूरी के किसी अवतल दर्पण के सामने 27 Cm दूरी पर रखा गया है। दर्पण से कितनी दूरी पर किसी परदे को रखें कि उस पर वस्तु का स्पष्ट फोकसित प्रतिबिंब प्राप्त किया जा सके। प्रतिबिंब का साइज तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए।
उत्तर :

अवतल दर्पण की फोकस दुरी (F) = -18 Cm
बिंब की दुरी (U) = -27 Cm
बिंब की ऊंचाई (H) = 7 Cm

प्रतिबिंब की स्थिति : प्रतिबिंब दर्पण के सामने 54 Cm दुरी पर बनेगा |
प्रकृति : वास्तविक और उल्टा होगा |

अत: प्रतिबिंब आवर्धित ​बिंब से बडा बनेगा |

प्रश्न 26. उस लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए जिसकी क्षमता – 2.0 D है। यह किस प्रकार का लेंस है?

अत: फोकस दुरी 50 Cm ता 0.5 M है |
ऋणात्मक मान यह बताता है कि लेंस अपसारी लेंस अथवा अवतल लेंस है |

प्रश्न 27. कोई डॉक्टर +1.5 D क्षमता का संशोधक लेंस निर्धारित करता है। लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए। क्या निर्धरित लेंस अभिसारी है अथवा अपसारी?
उत्तर : P = + 1.5 D

धनात्मक मान यह बताता है कि लेंस अभिसारी है |

प्रश्न 28 : आपतित किरण किसे कहते है ?
उत्तर :
प्रकाश स्रोत से किसी दि गई सतह पर पडने वाली प्रकाश किरण को आपतित किरण कहते है।

प्रश्न 29 : परावर्तित किरण किसे कहते हैं?
उत्तर :
आपतन बिन्दु पर आपतित किरण जब परावर्तित होकर उसी माध्यम में मुड जाती है तो उस किरण को परावर्तित किरण कहते है।

प्रश्न 30 : उस दर्पण का नाम बताइए जो बिम्ब  सीधा तथा आवर्धित प्रतिबिम्ब बना सके ।
उत्तर :

अवतल दर्पण ।

प्रश्न 31 : वाहनों में उतल दर्पण ही क्यों लगाया जाता हैं ?
उत्तर :

क्योकि उतल दर्पण सदैव सीधा प्रतिबिम्ब बनाते हैें। इनका दृष्टि क्षेत्र बहुत अधिक अर्थात लंबी दूरी के भी वस्तु का वास्तविक प्रतिबिम्ब बनाते हैं । क्योकि ये बाहर की ओर वक्रित होते हैं ।

प्रश्न 32: प्रकाश के अपवर्तन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर :

जब प्रकाश की किरण एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाती  हैं तो यह अपने मार्ग से विचलीत हो जाती हैं। प्रकाश के किरण को अपने मार्ग से विचलीत हो जाना प्रकाश का अपवर्तन कहलाता हैं ।

प्रश्न 33 : अपवर्तनांक किसे कहते हैं ?
उत्तर :

जब प्रकाश की किरण एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाती  हैं तो यह अपने मार्ग से विचलीत हो जाती हैं। ये विचलन  माध्यम और उस माध्यम में प्रकाश की चाल पर निर्भर करता  हैं । अतः अपवर्तनांक माध्यमों में प्रकाश की चालों का अनुपात होता है।

प्रश्न 34: जब प्रकाश की किरण एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाती हैं तो किस प्रकार मुडती है ?
उत्तर :

जब प्रकाश की किरण एक माध्यम (विरल) से दूसरे माध्यम (सघन) मे जाती हैं तो यह अभिलंब की ओर मुड जाती हैं । जब यही प्रकाश की किरण सघन से विरल की ओर जाती हैं तो अभिलंब से दूर भागती हैं।

प्रश्न 35 : प्रकाश के परावर्तन के नियम लिखिए |
उत्तर :

प्रकाश परावर्तन के दो नियम है-

  1. परावर्तन कोण सदैव आपतन कोण के बराबर हाता है।
  2. आपतित किरण दर्पण के आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब तथा परावर्तित किरण एक ही तल में होते है।

प्रश्न 36: स्नैल का नियम लिखिए |
उत्तर:
जब प्रकाश की किरण किन्हीं दो माध्यमों के सीमा तल पर तिरछी आपतित होती हैं तो आपतन कोण (I) की ज्या  (Sin) अपवर्तन कोण की ज्या (Sin) का अनुपात एक नियतांक होता हैं । इस नियतांक को दूसरे माध्यम का पहले माध्यम के सापेक्ष अपवर्तनांक कहते हैं । इस नियम को स्नैल का नियम भी कहते है।

प्रश्न 37: प्रकाश के अपवर्तन के नियम लिखिए।
उत्तर :

प्रकाश के अपवर्तन के दो नियम हैं ।

  1. आपतित किरण, अपवर्तित किरण तथा आपतन बिन्दु पर अभिलंब तीनों एक ही तल में होते हैं ।
  2. जब प्रकाश की किरण किन्हीं दो माध्यमों के सीमा तल पर तिरछी आपतित होती हैं तो आपतन कोण (I) की ज्या  (Sin) तथा  अपवर्तन कोण (R) की ज्या (Sin) का अनुपात एक नियतांक होता हैं ।

प्रश्न 38: निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर दीजिए |
1. किस दर्पण में वास्तविक तथा उल्टा प्रतिबिम्ब बनता है ?
2. किस दर्पण की फोकस दूरी सदैव धनात्मक होती हैं ।
3. दर्पण का बिम्ब को ऋणात्मक मान क्यों रखते हैं ?
4. उस दर्पण का नाम बताइए जिसकी फोकस दूरी ऋणात्मक होती हैं ?
उत्तर:
1.  अवतल दर्पण ।
2.  उतल दर्पण ।
3.  क्योकि बिम्ब सदैव दर्पण के सामने (बाई ओर ) ही रखते हैं ।
4.  अवतल दर्पण ।

प्रश्न 39: लेंस की क्षमता क्या हैं ? इसका SI मात्रक क्या है ?
उत्तर :

किसी लेंस द्वारा प्रकाश किरणों को अभिसरण या अपसरण करने की मात्रा (डिग्री) को उसकी क्षमता कहते है। यह उस लेंस के फोकस दूरी के व्युत्क्रम के बराबर होता हैं। इसका SI मात्रक डाइऑप्टर (D) होता हैं।
लेंस की क्षमता को  P द्वारा व्यक्त करते हैं।

प्रश्न 40: किस लेंस की क्षमता धनात्मक होती है ?
उत्तर :

उतल लेंस ।

प्रश्न 41 : किस लेंस की क्षमता ऋणात्मक होती है ?
उत्तर :
अवतल लेंस ।

प्रश्न 42 : एक लेंस की क्षमता +2.0 D है। वह कौन सा लेंस हैं। उस लेंस की फोकस दूरी कितनी है ?
उत्तर :
वह लेंस उतल हैं क्योंकि उतल लेंस की क्षमता धनात्मक होता हैं। उसकी फोकस दूरी + 0.50 M है।

प्रश्न 43 : चश्मा बनाने वाले विभिन्न क्षमता के लेंसों का उपयोग किस प्रकार करते हैं ?
उत्तर :
चश्मा बनाने वाले विभिन्न क्षमता के लेंसों का उपयोग बीजगणितिय योग के रूप मे करते है। जैसे –
P = P1 + P2+ ……

प्रश्न 44 : प्रकाश का मार्ग किस प्रकार होता है।
उत्तर :

प्रकाश का मार्ग एक सीधी सरल रेखा होती हैं।

प्रश्न 45 : किसी गोलिय दर्पण के फोकस दूरी क्या होती है ?
उत्तर :
किसी गोलिय दर्पण के फोकस दूरी वक्रता त्रिज्या की आधी होती है।

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