eClubStudy.Com

नौकरी, शिक्षा, करियर टिप्स, अध्ययन सामग्री, नवीनतम सरकारी नौकरियों, परीक्षा की तैयारी, सरकारी नौकरी परीक्षा, उत्तर कुंजी और अधिक अपडेट के लिए सर्वश्रेष्ठ वेबसाइट

Science पढ़ाई लिखाई शिक्षा

ध्वनि क्या है | Sound In Hindi Science Class 9th Chapter 12

अगर आप 9 वी विज्ञान (9th Science) के छात्र है तो आज के इस पोस्ट मे कक्षा 9 विज्ञान NCERT बुक NCERT Solutions for Science Class 9th Chapter 12 के जरिये जानेगे की ध्वनि क्या है Sound In Hindi क्या है.

ध्वनि क्या है

Work, Power and Energy In Hindi Science Class 9th Chapter 11

Sound in Hindi Science Class 9th Chapter 12तो चलिये कक्षा 9 विज्ञान NCERT बुक NCERT Solutions for Science Class 9th Chapter 12 के जरिये जानेगे की कार्य, शक्ति और ऊर्जा क्या है | Sound In Hindi क्या है जानते है- 

किसी माध्यम में ध्वनि संपीडनोंतथा विरलनों वेफ रूप में संचरित होती है।

ध्वनि बूम : जब ध्वनि उत्पादक स्रोत ध्वनि की चाल से अधिक तेजी से गति करती हैं। तो ये वायु में प्रघाती तरंगे उत्पन्न करती हैं इस प्रघाती तरंगों में बहुत अधिक ऊर्जा होती है। इस प्रकार की प्रघाती तरंगों से संबद्ध वायुदाब में परिवर्तन से एक बहुत तेज और प्रबल ध्वनि उत्पन्न होती है जिसे ध्वनि बुम कहते है।

पराध्वनिक चाल: ध्वनि की चाल से भी अधिक चाल से कोई पिण्ड गति करता है तो उसे पराध्वनिक चाल कहते है।

प्रतिध्वनि : जब कोई ध्वनि किसी माध्यम से टकराकर परावर्तित होती है तो वह ध्वनि हमें पुनः सुनाई देती हैं जिसे प्रतिध्वनि कहते है।

  • ध्वनि का दीवारों से बारंबार परावर्तन जिसके कारण ध्वनि निर्बध होता हैं, अनुरणन कहलाता है।
  • अनुरणन को कम करने के लिए भवनों में पर्दे लटकाये जाते हैं, ताकि ध्वनि का
    अवशोषण हो सके । इसके अतिरिक्त कमरें में श्रोताओं की उपस्थिति अधिक हो
    तो भी ध्वनि का अवशोषण हो सकता है।
  • मनुष्यों में ध्वनि की श्रव्यता का परिसर 20 Hz से 20,000 Hz तक होता है।
  • 20 Hz से कम आवृति की ध्वनियो को अवश्रव्य ध्वनि कहते है। इसका परास20 Hz से कम हैं ।
  • 20000 Hz से अधिक आवृति की ध्वनियो को पराध्वनि कहते है। इसका परास20000 Hz से अधिक होता हैं ।
  • पाराध्वनि की आवृति ऊँच होती है |
  • पराध्वनि तरंगों को हृदय के विभिन्न भागों से परावर्तित करा कर हृदय काप्रतिबिम्ब बनाया जाता है। इस तकनिक को इकोकार्डियोग्राफी कहते है।
  • जब ध्वनि किसी माध्यम में संचरित होती है तोमाध्यम का घनत्व किसी अधिकतम तथा न्यूनतम मान के बीच बदलता है। घनत्व के अधिकतम मान से न्यूनतम मान तक परिवर्तन में और पुनः अधिकतम मान तक आने पर एक दोलन पूरा होता है।
  • एकांक समय में इन दोलनों की कुल संख्या ध्वनि तरंग की आवृत्ति कहलाती है।
  • दो क्रमागत संपीडनों या दो क्रमागत विरलनों कोकिसी निश्चित बिंदु से गुजरने में लगे समय को तरंग का आवर्त काल कहते हैं।
  • आवर्त काल को T अक्षर से निरुपित करते हैं | इसका मात्रक सेकेंड (s) है |
  • किसी उत्सर्जित ध्वनि की आवृत्ति को मस्तिष्क किस प्रकार अनुभव करता है, उसे तारत्व कहते हैं।
  • उत्पादक स्रोत सेनिकलने के पश्चात् ध्वनि तरंग फ़ैल जाती है। स्रोत से दूर जाने पर इसका आयाम तथा प्रबलता दोनों ही कम होते जाते हैं।
  • एकल आवृत्तिकी ध्वनि को टोन कहते हैं। अनेक आवृत्तियों के मिश्रण से उत्पन्न ध्वनि को स्वर (note) कहते हैं और यह सुनने में सुखद होती है। शोर (noise) कर्णप्रिय नहीं होता जबकि संगीत सुनने मे सुखद होता है।

ध्वनि क्या है इससे जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर

Sound Question and Answer in Hindi Science Class 9th Chapter 12

NCERT Solutions for Class 9th Science Chapter ध्वनि क्या है के चेप्टर 12 से Sound Question and Answer in Hindi इससे जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर what is Sound in Hindi को जानते है.

प्रश्न1. किसी माध्यम में ध्वनि द्वारा उत्पन्न विक्षोभ आपके कानों तक कैसे पहुँचता है?

उत्तर : तरंग एक विक्षोभ है जो किसी माध्यम से होकर गति करता है और माध्यम के कण निकटवर्ती कणों में गति उत्पन्न कर देते हैं। ये कण इसी प्रकार की गति अन्य कणों में उत्पन्न करते हैं। माध्यम के कण स्वयं आगे नहीं बढ़ते, लेकिन विक्षोभ आगे बढ़ जाता है। यह प्रक्रिया तब तक चलता रहता है जब तक विक्षोभ हमारे कानों तक पहूँच नहीं जाता ।

प्रश्न 2. आपके विद्यालय की घंटी, ध्वनि कैसे उत्पन्न करती है?

उत्तर: जब  घंटी पर हथौड़े से आघात किया जाता है तो घंटी कंपित हो उठती है | घंटी के कंपित होने ओस्वे ध्वनि उत्पन्न होती है |

प्रश्न 3. ध्वनि तरंगों को यांत्रिक तरंगें क्यों कहते हैं?

उत्तर: ध्वनि तंरगों को यांत्रिक तरंगें इसलिए कहते है क्योंकि इसके संचरण के लिए द्रव्यात्मक माध्यम की आवश्यकता होती है |

प्रश्न 4. मान लीजिए आप अपने मित्र के साथ चंद्रमा पर गए हुए हैं। क्या आप अपने मित्र द्वारा उत्पन्न ध्वनि को सुन पाएँगे?

उत्तर: नहीं | चन्द्रमा पर वायुमंडल नहीं है जिससे होकर ध्वनि अपनी गति कर सके | हम जानते है कि गति माध्यम के कणों में उत्पन्न कंपन के कारण होती है | अत: इसके अभाव में मित्र से उत्पन्न ध्वनि नहीं सुन सकता है |

प्रश्न 5. तरंग का कौन – सा गुण निम्नलिखित की निर्धारित करता है –

(a) प्रबलता , (b) तारत्व ?

उत्तर: (a) ध्वनि की प्रबलता कंपन का आयाम निर्धारित कराती है |

(b) ध्वनि का तारत्व कंपन की आवृति निर्धारित करता है | 

प्रश्न 6. अनुमान लगाइए कि निम्न में से किस ध्वनि का तारत्व अधिक हैं? (a) गिटार (b) कार का हार्न ?

उत्तर: गिटार की ध्वनि का तारत्व अधिक होता है |

प्रश्न 7. किसी ध्वनि तंरग की तरंगदैधर्य , आवृति , आवर्तकाल तथा आयान से क्या अभिप्राय है |

उत्तर: तरंगदैधर्य : किन्हीं दी निकटकम श्रुंगों अथवा गर्तो के बीच की दूरी को या एक दोलन पूरा करने के तरंग द्वारा चली गई दूरी को तरंगदैधर्य कहते हैं |

आवृति : एक सेकेंड में दोलनों की संख्या को आवृति कहते है |

आवृति काल : एक दोलन पूरा करने में लगा समय आवर्त काल कहलाता है |

आयाम : किसी तरंग के संचरण में माध्यम के कानों का संतुलन (माध्यमान)की स्थिति में अधिकतम विस्थापन आयाम कहलाता है |

प्रश्न 8 . किसी ध्वनि तरंग की तरंगदैधर्य तथा आवृति उसके वेग से किस प्रकार संबंधित है ?

उत्तर:  की चाल = आवृति x तरंगदैधर्य

प्रश्न 9 . किसी दी हुए माध्यम में एक ध्वनि तरंग की आवृति 220Hz तथा वेग 440 m/s है| इस तरंग की तरंगदैधर्य की गणना कीजिए |

उत्तर:

ध्वनि तरंग की आवृत्ति, n = 220 Hz
ध्वनि की चाल, υ = 440m/s
ध्वनि तरंग की तरंगदैर्घ्य λ = ?
हम जानते हैं कि
υ = n x λ
λ =

= = 2 m.
अतः ध्वनि की तरंगदैर्ध्य = 2m.

प्रश्न 10.
ध्वनि की प्रबलता तथा तीव्रता में अन्तर बताइए।
उत्तर-
तीव्रता किसी एकांक क्षेत्रफल से, एक सेकण्ड में गुजरने वाली ध्वनि ऊर्जा को ध्वनि की तीव्रता कहते हैं।
प्रबलता प्रबलता ध्वनि के लिए कानों की संवेदन -शीलता की माप है। उदाहरण के लिए, दो ध्वनियाँ समान तीव्रता की हो सकती हैं। परन्तु हम एक को दूसरे की अपेक्षा अधिक प्रबल ध्वनि के रूप में सुन सकते हैं। क्योंकि हमारे कान इसके लिए अधिक संवेदनशील हैं।

प्रश्न 11.
वायु, जल या लोहे में से किस माध्यम में ध्वनि सबसे तेज चलती है?
उत्तर
ध्वनि वायु (346 m/s), जल (1498 m/s) से अधिक तेज लौह (5950 m/s) माध्यम में चलती है।

प्रश्न 12. कंसर्ट हॉल की छतें वक्राकार क्यों होती हैं?

उत्तर: कंसर्ट हॉल की छतें वक्राकार इसलिए होती है जिससे ध्वनि परावर्तन के पश्चात् हॉल के सभी कोनों तह पहुँच जाए |

प्रश्न 13. सामान्य मनुष्य के कानों केलिए श्रव्यता परास क्या है?

उत्तर: सामान्य मनुष्य के कानों के लिए श्रव्यता परिसर 20 Hz से 20,000 Hz (या 20kHz) हैं|

प्रश्न 14. निम्न से संबंधित आवृत्तियों का परास क्या है?

(a) अवश्रव्य ध्वनि

(b) पराध्वनि

उत्तर: (a) 20 Hz से कम आवृति से आधिक की ध्वनि को अवश्रव्य ध्वनि कहते है |

(b) पराध्वनि की आवृति 20 Hz से अधिक होती है |

प्रश्न 15. एक पनडुब्बी सोनार स्पंद उत्सर्जित करती है, जो पानी के अंदर एक खड़ी चट्टान से टकराकर 1.02 s के पश्चात् वापस लौटता है। यदि खारे पानी में ध्वनि की चाल 1531 m/s हो, तो चट्टान की दूरी ज्ञात कीजिए।

उत्तर:

समय, t = 1.02 s
खारे जल में ध्वनि का वेग = 1531 m/s
सोनार पल्स से चली दूरी = 2d
जहाँ कि चट्टान की दूरी d है।
2d = सोनारे स्पंद की चाल x समय = 1531 m/s x 1.02 s = 1561.62 m
अथवा d = 780.8 m.
इसलिए चट्टान 780.8 m दूर होगी।

प्रश्न 16.
ध्वनि क्या है और यह कैसे उत्पन्न होती है?
उत्तर-
ध्वनि ध्वनि एक प्रकार की ऊर्जा है जो हमारे कानों में सुनने की संवेदना उत्पन्न करती है। उदाहरण के लिए हम बहुत-से स्रोतों जैसे-अलार्म घड़ी की ध्वनि, सड़क पर दौड़ते हुए स्कूटर एवं कारों की ध्वनि, पक्षियों की चहचहाहट, विद्यालय की घंटी की ध्वनि, तबले तथा हारमोनियम की ध्वनि आदि सुनते हैं।
ध्वनि का उत्पन्न होना – ध्वनि किसी वस्तु के कंपन द्वारा उत्पन्न होती है। कंपन का अर्थ है किसी वस्तु का अपनी माध्य स्थिति के दोनों ओर इधर-उधर गति करना है। हम विभिन्न वस्तुओं में उन्हें खींचकर, चोट मारकर, हूँक मारकर, रगड़कर अथवा, उसे हिलाकर कंपन उत्पन्न कर सकते हैं।

सितार, वीणा आदि डोरी वाले वाद्य यंत्रों में कर्षण द्वारा तारों में कंपन पैदा किए जाते हैं तो ये ध्वनि उत्पन्न करते हैं। इसी प्रकारे जब चिमटे की दो भुजाओं को एकदूसरे से टकराते हैं तो उनमें, कंपन के साथ ध्वनि उत्पन्न होती है। सभी वाद्य यंत्र, जैसे-ढोल या नगाड़े की चर्म (membrane), बांसुरी के अन्दर की वायु, हारमोनियम की रीड ध्वनि उत्पन्न करते समय कंपन की स्थिति में होते हैं।

प्रश्न 17.
ध्वनि तरंगों की प्रकृति अनुदैर्ध्य क्यों
उत्तर-
ध्वनि तरंगें द्रव्यात्मक (material) माध्यम में ही संचारित होती हैं। ये तरंगें संपीडनों तथा विरलनों की सहायता से द्रव्यात्मक माध्यम में संचारित होती है। इन तरंगों के संचरण में माध्यम के कण ध्वनि संचरण की दिशा में ही अपनी माध्य स्थिति के दोनों ओर कंपन करते हैं। क्योंकि माध्यम के कणों की कंपन की दिशा ध्वनि तरंगों के संचरण की दिशा के अनुदिश है या समान्तर है। अत: ध्वनि तरंगें अनुदैर्ध्य तरंगें होती हैं।

प्रश्न 18.
ध्वनि का कौन-सा अभिलक्षण किसी अन्य अंधेरे कमरे में बैठे आपके मित्र की आवाज पहचानने में आपकी सहायता करता है?
उत्तर-
ध्वनि की गुणता, अंधेरे कमरे में बैठे मित्र की आवाज पहचानने में सहायता करती है।

प्रश्न 19.
तड़ित की चमक तथा गर्जन साथ-साथ उत्पन्न होते हैं। लेकिन चमक दिखाई देने के कुछ सेकण्ड पश्चात् गर्जन सुनाई देती है। ऐसा क्यों होता है?
उत्तर-
यह प्रकाश की काफी उच्च चाल के कारण होता है कि तड़ित की चमक हम पहले देखते हैं और तुलनात्मक रूप से ध्वनि की निम्न चाल के कारण यह होता है कि गर्जन कुछ सेकण्ड पश्चात् सुनाई देती है।

प्रश्न 20.
किसी व्यक्ति का औसत श्रव्य परास 20 Hz से 20 kHz है। इन दो आवृत्तियों के लिए ध्वनि तरंगों की तरंगदैर्घ्य ज्ञात कीजिए। वायु में ध्वनि का वेग 344 ms-1 लीजिए।
हल-
(i) आवृत्ति, n = 20 Hz
वायु में ध्वनि का वेग = 344 ms-1
υ = nλ
अथवा 344 = 20 x λ
अथवा λ =

= 17.2 m

(ii) आवृत्ति, n = 20 KHz = 20,000 Hz
वायु में ध्वनि का वेग = 344ms-1
υ = n x λ
344 = 20,000 x λ
अथवा λ =

= 0.0172 m = 0.017 m

प्रश्न 21.
किसी ध्वनि स्रोत की आवृत्ति 100 Hz है। एक मिनट में यह कितनी बार कंपन करेगा?
हल-
आवृत्ति = 100 Hz
समय = 1 मिनट = 60 सेकण्ड
कंपनों की संख्या = आवृत्ति x समय = 100 Hz x 60 सेकण्ड = 6000 कंपन

प्रश्न 22.
क्या ध्वनि परावर्तन के उन्हीं नियमों को पालन करती है जिनका कि प्रकाश की तरंगें करती हैं? इन नियमों को बताइए।
उत्तर-
हाँ, ध्वनि भी परावर्तन के उन्हीं नियमों का पालन करती है जिनका प्रकाश की तरंगें करती हैं। ये नियम निम्न प्रकार हैं-

  • अभिलंब तथा ध्वनि के आपतन होने की दिशा तथा परावर्तन होने की दिशा के बीच बने कोण आपस में बराबर होते हैं।
  • इन तीनों की दिशाएँ एक ही तल में होती हैं।

प्रश्न 23.
ध्वनि का एक स्रोत किसी परावर्तक सतह के सामने रखने पर उसके द्वारा प्रदत्त ध्वनि तरंग की प्रतिध्वनि सुनाई देती है। यदि स्रोत तथा परावर्तक सतह की दूरी स्थिर रहे तो किस दिन प्रतिध्वनि अधिक शीघ्र सुनाई देगी-
(i)
जिस दिन तापमान अधिक हो?
(ii)
जिस दिन तापमान कम हो?
उत्तर-
गर्म दिन में हमें प्रतिध्वनि जल्दी सुनाई देगी क्योंकि ध्वनि की चाल माध्यम के ताप पर निर्भर करती है। माध्यम का ताप बढ़ने के कारण ध्वनि की चाल भी बढ़ जाती है। अत: जिस दिन ताप अधिक मेगा उस दिन हमें प्रतिध्वनि ठंडे दिन की अपेक्षा जल्दी सुनाई देगी।

प्रश्न 24.
एक ध्वनि तरंग 339 ms-1 की चाल से चलती है। यदि इसकी तरंगदैर्घ्य 1.5 cm हो, तो तरंग की आवृत्ति कितनी होगी? क्या ये श्रव्य होंगी?
हल-
ध्वनि तरंग की चाल υ = 339 ms-1
तरंगदैर्घ्य λ = 1.5 cm = 0.015 m
तरंग की आवृत्ति n = ?
υ = n x λ
n =

= = 22,600 Hz
ये ध्वनि श्रव्य नहीं होगी क्योंकि इनकी आवृत्ति 20,000 Hz से अधिक है। अतः ये पराश्रव्य ध्वनि है।

प्रश्न 25.
अनुरणन क्या है? इसे कैसे कम किया जा सकता है?
उत्तर-
अनुरणन-किसी बड़े हॉल जैसे-सम्मेलन कक्ष, सिनेमा हॉल आदि में स्रोत से उत्पन्न ध्वनि बार-बार परावर्तन के कारण काफी समय तक बनी रहती है जब तक कि यह इतनी कम न हो जाए कि यह सुनाई ही न पड़े। यह बारंबार ध्वनि का परावर्तन जिसके कारण ध्वनि निर्बन्ध होता है तथा ध्वनि स्पष्ट सुनाई नहीं पड़ती, अनुरणन कहलाता है।

अनुरणन को कम करने के लिए सभा भवन या सिनेमा हॉलों की छतों तथा दीवारों पर ध्वनि अवशोषक पदार्थ जैसे-संपीडित फाइबर बोर्ड, खुरदरे प्लास्टर, थर्मोकोल अथवा पर्दे लगा दिए जाते हैं। सीटों के पदार्थों का चुनाव भी ध्वनि अवशोषक पदार्थों के गुणों के आधार पर किया जाता है।

प्रश्न 26.
ध्वनि की प्रबलता से क्या अभिप्राय है? यह किन कारकों पर निर्भर करती है?
उत्तर-
ध्वनि की प्रबलता-हमारे कान में उत्पन्न संवेदन जिनके कारण हम तीव्र तथा मंद ध्वनि के बीच विभेदन कर सकते हैं ध्वनि की प्रबलता कहलाती है। ध्वनि की प्रबलता ध्वनि तरंगों के आयाम से पहचानी जाती है। विभिन्न आयाम की ध्वनि तरंगों की प्रबलता भी भिन्न-भिन्न होती है।

ध्वनि का आयाम उस बल पर निर्भर करता है जिस बल से हम वस्तु को कंपित करते हैं। यदि हम किसी मेज पर किसी वस्तु को बहुत अधिक बल लगाकर ठोकते हैं। तो हमें उच्च या तीव्र ध्वनि सुनाई पड़ती है क्योंकि इस प्रकार उत्पन्न ध्वनि का आयाम तथा ऊर्जा अधिक होती है। यदि हम मेज पर किसी वस्तु को धीरे से मारते हैं तो हमें मंद ध्वनि सुनाई देती है क्योंकि इस प्रकार उत्पन्न ध्वनि का आयाम तथा ऊर्जा कम होती है।

यदि ध्वनि तरंग स्रोत से दूर जाती है तो इसका आयाम कम होता जाता है जिससे उसकी प्रबलता भी कम हो जाती है और हमें आवाज या ध्वनि धीमी सुनाई पड़ती है।

प्रश्न 27.
चमगादड़ अपना शिकार पकड़ने के लिए पराध्वनि का उपयोग किस प्रकार करता है? वर्णन कीजिए।
उत्तर-
चमगादड़ अपना शिकार पकड़ने के लिए पराश्रव्य ध्वनि का उपयोग करते हैं। चमगादड़ वास्तव में दृष्टिहीन होता है। उड़ान के समय चमगादड़ उच्च आवृत्ति की पराश्रव्य तरंगें अल्प समय अंतराल में क्रमबद्ध तरीके से उत्सर्जित करता है। ये तरंगें आस-पास के कीटों से टकराकर परावर्तित होती हैं तथा चमगादड़ के कानों तक वापस पहुँच जाती हैं। परावर्तित तरंगों की प्रकृति के आधार पर चमगादड़ कीटों की उपस्थिति का पता लगा लेता है। तथा अपनी इच्छा के अनुसार उसे पकड़ लेता है। अतः चमगादड़ पराश्रव्य ध्वनि का उपयोग करके अपने शिकार या कीटों को पकड़ता है।

प्रश्न 28.
वस्तुओं को साफ करने के लिए पराध्वनि का उपयोग कैसे करते हैं?
उत्तर-
पराध्वनि का उपयोग किसी वस्तु के उन भागों को साफ करने के लिए किया जाता है जहाँ तक पहुँचना कठिन होता है, जैसे- सर्पिलाकार नली, विषम आकार के पुर्जे तथा इलेक्ट्रॉनिक पुर्जे आदि। जिन वस्तुओं को साफ करना होता है उन्हें साफ करने वाले अपमार्जक विलयन में रखते हैं और इस विलयन में पराध्वनि तरंगें भेजी जाती हैं। उच्च आवृत्ति के कारण धूल, चिकनाई तथा गंदगी के कण अलग होकर नीचे गिर जाते हैं। इस प्रकार वस्तु पूर्णतया साफ हो जाती है।

Q29. मनुष्य का कान किस प्रकार कार्य करता है? विवेचना कीजिए।

उत्तर : बाहरी कान परिवेश से ध्वनि को एकत्रित करता हैं तथा एकत्रित ध्वनि श्रवण नलिका से गुजरती है । श्रवण नलिका के सिरे पर एक पतली झिल्ली होती है जिसे कर्ण पटह कहते है। जब माध्यम के संपीडन कर्ण पटह तक पहुचते है तो झिल्ली के बाहर लगने वाला दाब बढ जाता है और यह कर्ण पटह को अंदर की ओर दबाता हैं, इसी प्रकार विरलन के पहुचने पर कर्ण पटह बाहर की ओर गति करता हैं। इस प्रकार कर्ण पटह कंपन करता है। कर्ण पटह के भीतर मध्य कर्ण में इलियम, मेलियस, और स्टेपीस नाम की तीन हड्डियाँ इन कंपनों को कई गुना बढा देती हैं । मध्य कर्ण इन ध्वनि तरंगों को आंतरिक कर्ण तक पहुँचा देता है। आंतरिक कर्ण में उपस्थित कर्णावत (कोक्लीया) इन दाब परिवर्तनों को विद्युत संकेतों में बदलकर श्रवण तंत्रिका द्वारा मस्तिष्क तक भेज दिया जाता है।

ध्वनि क्या है इससे जुड़े अतिलघु उत्तरीय प्रश्न और उनके उत्तर

Sound Very Short Question and Answer in Hindi Science Class 9th Chapter 11

प्रश्न 1.
ध्वनि’ किसे कहते हैं?
उत्तर-
ध्वनि (Sound) – जिन यांत्रिक तरंगों का अनुभव हम अपने कानों से कर सकते हैं, उन्हें ‘ध्वनि (Sound) कहते हैं। ध्वनि तरंगों की आवृत्तियाँ 20 हर्ट्ज से 20,000 हर्ट्ज के बीच होती हैं। ध्वनि तरंगों को संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 2.
‘अवश्रव्य’ तथा ‘पराश्रव्य’ तरंगों में अन्तर बताइए।
उत्तर-
20 हर्ट्ज से कम आवृत्ति की यांत्रिक तरंगों को अवश्रव्य तथा 20,000 हर्ट्ज़ से अधिक आवृत्ति की यांत्रिक तरंगों को पराश्रव्य तरंगें कहते हैं।

प्रश्न 3.
‘श्रृंग’ तथा ‘गर्त’ किस प्रकार की तरंग में उत्पन्न होते हैं?
उत्तर-
अनुप्रस्थ तरंगों में।

प्रश्न 4.
किसी पदार्थ में तरंग का संचरण होते समय पदार्थ के कण किस प्रकार की गति करते हैं?
उत्तर-
सरल आवर्त गति।

प्रश्न 5.
अनुप्रस्थ तरंगों के संचरण के लिए माध्यम में क्या गुण होने चाहिए?
उत्तर-

  1. अनुप्रस्थ तरंगों के संचरण के लिए माध्यम दृढ़ होना चाहिए।
  2. माध्यम ठेस या द्रव अवस्था में होना चाहिए।
  3. द्रव की सतह पर ही अनुप्रस्थ तरंगों का संचरण हो सकता है।

प्रश्न 6.
(a) अनुप्रस्थ, (b) अनुदैर्ध्य तरंग में कणों के दोलन की दिशा तथा तरंग के संचरण की दिशा में क्या सम्बन्ध होता है?
उत्तर-
(a) अनुप्रस्थ तरंग में कणों के दोलन की दिशा, तरंग संचरण की दिशा के अभिलम्बवत् होती है।
(b) अनुदैर्ध्य तरंग में कणों के दोलन की दिशा तरंग संचरण की दिशा के अनुदिश होती है।

प्रश्न 7.
(क) तरंग गति के संदर्भ में निम्नलिखित राशियों की परिभाषा दीजिए तथा मात्रक बताइए
(a) आयाम
(b) आवृत्ति
(c) तरंगदैर्घ्य
(d) तरंग वेग।
(ख) किसी तरंग की आवृत्ति, चाल तथा तरंगदैर्घ्य में सम्बन्ध लिखिए।
उत्तर-
(क) (a) आयाम (Amplitude) – तरंग के मार्ग में माध्यम के कणों के दोलन में माध्य स्थिति में अधिकतम विस्थापन को तरंग का आयाम कहते हैं। इसका मात्रक मीटर है।
(b) आवृत्ति (Frequency) – तरंग के मार्ग में माध्यम के कणों के दोलनों की संख्या प्रति एकांक समय को तरंग की आवृत्ति कहते हैं। इसका मात्रक सेकण्ड-1 अथवा हर्ट्ज है।
(c) तरंग-दैर्घ्य (wavelength) – किसी तरंग गति में, परस्पर समान काल में दोलन करने वाले दो क्रमागत कणों के बीच की दूरी को तरंगदैर्घ्य (wavelength) कहते हैं। इसका मात्रक मीटर है।
(d) तरंग वेग (Wave Velocity) – किसी तरंग द्वारा 1 सेकण्ड में तय की गयी दूरी तरंग वेग कहलाती है। इसका मात्रक मी/से है।
(ख) यदि तरंग की आवृत्ति (n), चाल (υ) तथा तरंगदैर्घ्य λ हो तो
चाल = आवृत्ति x तरंगदैर्घ्य
υ = n x λ

प्रश्न 9.
किसी माध्यम में दो कणों के बीच की दूरी

है। इनकी कलाएँ समान होंगी या विपरीत।
उत्तर-
दूरी चलने में समय लगेगा। अतः कलाएँ विपरीत होंगी।

प्रश्न 10.
किसी माध्यम में दो क्रमागत कणों में से एक का विस्थापान + a तथा दूसरे का विस्थापन उसी क्षण पर – a है। इनके दोलनों में कितना समयान्तर होगा तथा इनके बीच की दूरी कितनी होगी यदि आवर्तकाल T तथा तरंग दैर्ध्य λ हो ?
उत्तर-
महत्तम विस्थापन की एक स्थिति (दोलन पथ का एक सिरा) से दूसरी विपरीत स्थिति (दोलन पथ का दूसरा सिरा) तक जाने में

दोलन होता है अर्थात् इसमें समय लगेगा।
अतः दोलनों का समयान्तर है।
समय में तरंग द्वारा चली गयी दूरी होगी।
अतः कणों के बीच की दूरी है।

प्रश्न 11.
किसी तरंग का दोलन-आयाम तीन गुना बढ़ा देने पर तरंग की तीव्रता में क्या परिवर्तन होगा?
उत्तर-
तीव्रता = (3)² = 9 गुना बढ़ जायगी [नियम तीव्रता ∝ (आयाम)² से ]।

प्रश्न 12.
ऐसी दो प्रकार की यांत्रिक तरंगों के नाम लिखिए जो हमें सुनायी नहीं देती हैं।
उत्तर-
अवश्रव्य तरंगें तथा पराश्रव्य तरंगें।

प्रश्न 13.
एक दोलन के समय में तरंग द्वारा चली गयी दूरी को क्या कहते हैं?
उत्तर-
तरंगदैर्घ्य।

प्रश्न 14.
वायु में ध्वनि तरंगें किस प्रकार की होती हैं?
उत्तर-
वायु में गमन करने वाली तरंगें अनुदैर्घ्य तरंगें होती हैं।

ध्वनि क्या है इससे जुड़े लघु उत्तरीय प्रश्न और उनके उत्तर

Sound Short Question and Answer in Hindi Science Class 9th Chapter 11

प्रश्न 1.
सिद्ध कीजिए कि υ = n x λ, जहाँ संकेतों के सामान्य अर्थ हैं।
उत्तर-
हम जानते हैं कि,
υ =

जहाँ T आवर्तकाल है अर्थात् λ दूरी चलने में लगा समय है।
पर आवृत्ति में n = होता है।
υ = n x
υ = λ x n
υ = nλ

प्रश्न 2.
दो कणों के दोलनों का समान कलातथा विपरीत कलामें होने का क्या अर्थ है? इनके कलान्तर को आवर्तकाल के पदों में लिखिए।
उत्तर-
सरल आवर्त गति करने वाले दो कण यदि गति-पथ की विभिन्न स्थितियों (जैसे माध्य स्थिति, महत्तम विस्थापन आदि) में एक-साथ समान क्षणों पर पहुँचे तो उन्हें ‘समान-कला’ में कहा जाता है। ऐसे कणों का कलान्तर 0, T, 2T, 3T,…. अर्थात् शून्य अथवा आवर्त-काल को पूर्ण गुणित होता है।
यदि सरल आवर्त गति करने वाले दो कणों के किसी विशेष स्थिति अथवा कला में पहुँचने में आधे दोलन अर्थात् समय

का अन्तर हो तो उनके दोलन ‘विपरीत-कला’ में होते हैं। ऐसे कणों का कलान्तर , , , ……
अर्द्ध-आवर्तकाल () का विषम गुणित होता है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित को अनुप्रस्थ तथा अनुदैर्घ्य तरंगों में वर्गीकृत कीजिए-
(i) स्प्रिंग उत्पन्न तरंगें
(ii) तने हुए तार में उत्पन्न तरंगें
(iii) जल के तल पर उत्पन्न तरंगें,
(iv) वायु में उत्पन्न तरंगें।
उत्तर-
(i) अनुदैर्घ्य तरंगें
(ii) अनुप्रस्थ तरंगें
(iii) अनुप्रस्थ तरंगें
(iv) अनुदैर्ध्य तरंगें।

प्रश्न 4.
किसी तरंग के गुणधर्म क्या हैं? अथवा किसी तरंग के गुणधर्म लिखिए।
उत्तर-
तरंग के गुणधर्म-तरंग के निम्न गुणधर्म हैं-

  1. तरंग, कम्पन करते स्रोत द्वारा आवर्ती (Periodic) विक्षोभ के कारण होता है।
  2. तरंग के कारण ऊर्जा का स्थानान्तरण होता है, न कि पदार्थ का।
  3. तरंग में माध्यम के कण संचरित नहीं होते, वे अपनी मूल स्थिति में ही कम्पन करते हैं एवं अपने आस-पास के कणों में ऊर्जा को स्थानान्तरण करते हैं।
  4. तरंग की गति माध्यम की प्रकृति पर निर्भर करती है, तरंग स्रोत की गति या कम्पन पर नहीं।
  5. यदि तरंग स्रोत के चारों तरफ का माध्यम एकसमान (समांगी) है तो तरंग गति भी सभी दिशाओं में समान रहती है।

प्रश्न 5.
वस्तुओं को साफ करने के लिए पराध्वनि का उपयोग किस प्रकार करते हैं?
उत्तर-
वस्तुओं को साफ करने के लिए पराध्वनि का उपयोग पराध्वनि प्रायः उन भागों को साफ करने में उपयोग में लाई जाती है जिन तक पहुँचना बहुत कठिन होता है। जिन वस्तुओं की सफाई करनी होती है उन्हें साफ करने वाले विलयन में रखकर उसमें पराध्वनि प्रेषित की जाती हैं। उच्च आवृत्ति के विक्षोभ के कारण चिकनाई, धूल कण एवं गन्दगी के कण अलग होकर विलयन में आ जाते हैं और इस प्रकार वस्तु पूर्णतया साफ हो जाती हैं।
इस विधि का उपयोग प्रायः विषम आकार के पुर्जे, इलेक्ट्रॉनिक अवयव आदि को साफ करने में किया जाता है।

प्रश्न 6.
चमगादड़ किस प्रकार अन्धकार में अपना शिकार हूँढ़ते हैं?
उत्तर-
चमगादड़ द्वारा अन्धकार में अपना शिकार ढूँढ़ने की युक्ति चमगादड़ अन्धकार में अपना शिकार ढूँढ़ने के लिए सोनार युक्ति का उपयोग करते हैं। वे उड़ते समय पराध्वनि तरंगें उत्सर्जित करते हैं जो उच्च आवृत्ति के कारण अवरोधों एवं कीटों से परावर्तित होकर चमगादड़ के कानों तक पहुँचती हैं जिनका चमगादड़े संसूचन करते हैं। इन परावर्तित स्पन्दों की प्रकृति से चमगादड़ को पता चल जाता है कि उसका शिकार कहाँ है तथा किस प्रकार का है।

प्रश्न 7.
सोनार की कार्यविधि लिखिए।
उत्तर-
सोनार की कार्यविधि सोनार में एक प्रेषित्र एवं एक संसूचक लगा होता है। जहाज पर लगे प्रेषित्रों द्वारा नियमित समय अन्तरालों पर पराश्रव्य ध्वनि के शक्तिशाली स्पन्दों अर्थात् सिग्नलों को लक्ष्य तक भेजा जाता है। ये तरंगें जल में गति करती हैं तथा लक्ष्य से टकराने के बाद परावर्तित होकर संसूचक द्वारा ग्रहण कर ली जाती हैं। संसूचक पराध्वनि को विद्युत संकेतों में बदल । देता है जिनकी व्याख्या कर ली जाती है। जल में ध्वनि की चाल तथा पराध्वनि के प्रेषण एवं अधिग्रहण के समय को ज्ञात करके लक्ष्य की दूरी की गणना कर ली जाती है।

प्रश्न 8.
सोनार के उपयोग लिखिए।
उत्तर-
सोनार के उपयोग सोनार के निम्नांकित प्रमुख उपयोग हैं

  1. चमगादड़ द्वारा अन्धकार में अपना शिकार हूँढ़ने में।
  2. चमगादड़ का रात्रि में उड़ते समय अवरोधों से टकराने से बचाव करने में।
  3. पारपाईस मछलियों द्वारा अँधेरे में अपने भोजन की खोज करने में।
  4. समुद्र में डूबे हुए जहाज एवं पनडुब्बियों का पता लगाने में तथा समुद्र की गहराई ज्ञात करने में।
  5. समुद्र के अन्दर स्थित चट्टानों, घाटियों, हिम शैलों एवं अन्य अवरोधों की स्थिति का पता करने में।

प्रश्न 9.
ध्वनि के परावर्तन के व्यावहारिक उपयोग लिखिए।
उत्तर-
ध्वनि के परावर्तन के व्यावहारिक उपयोग-ध्वनि के परावर्तन के प्रमुख व्यावहारिक उपयोग निम्नलिखित हैं-

  1. मेगाफोन, लाउडस्पीकर, हॉर्न, तूर्य तथा शहनाई जैसे वाद्ययन्त्रों द्वारा ध्वनि विस्तार में।
  2. स्टेथोस्कोप द्वारा हृदय की धड़कनों को डाक्टर के कानों तक पहुँचाने में।
  3. बड़े हॉलों एवं सभाकक्षों में वक्राकार छतों द्वारा ध्वनि को परावर्तित करके कक्षों के प्रत्येक हिस्से में ध्वनि को प्रेषित करने में।
  4. कर्ण तूर्या’ जैसी श्रवण सहाय युक्तियों के कार्य करने में।

प्रश्न 10ध्वनि निम्न में से किस का रूप है ?
(i)    उष्मा    

(ii)    गति    

(iii)    उर्जा      

(iv)    रेडियों 
उत्तर : उर्जा

प्रश्न 11. किन किन क्रिया कलापों द्वारा हम ध्वनि उत्पन्न कर सकते है ?
उत्तर : किसी वस्तु पर आघात कर , घर्षण द्वारा, खुरच कर, रगड़ कर, वायु फूँक कर या उनको हिलाकर ध्वनि उत्पन्न कर सकते है ।
प्रश्न 12. ध्वनि का संचरण माध्यम बताइए। 
उत्तर : ठोस, द्रव और गैस ।

प्रश्न 13. संपीडन किसे कहते है ?
उत्तर : जब कोई कंपमान वस्तु आगे की ओर कंपन करती है तो इस प्रकार एक उच्च दाब का क्षेत्र उत्पन्न होता है। इस क्षेत्र को संपीडन (C) कहते हैं।
प्रश्न 14विरलन किसे कहते है ?
उत्तर : जब कोई कंपमान वस्तु पीछे की ओर कंपन करती है तो इस प्रकार एक निम्न दाब का क्षेत्र उत्पन्न होता है। जिसे विरलन (R) कहते हैं।
प्रश्न 15.  ध्वनि तरंगे क्या है ? यह कैसे बनती हैं ?
उत्तर : ध्वनि को तरंग के रूप में जाना जाता है और तरंग एक विक्षोभ है जो कंपमान वस्तु द्वारा उत्पन्न होता है। यह तरंगे अनुदैर्य तरंगे होती है। यह संपीडन और विरलन से बनती है।

प्रश्न 16. ध्वनि तरंगों को यांत्रिक तरंगे क्यों कहते है ?
उत्तर : ध्वनि तरंगों को यांत्रिक तरंगे इसलिए कहते है क्योकि उसके संचरण के लिए द्रव्यात्मक माध्यम की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 17. ध्वनि की तीव्रता से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर : किसी एकांक क्षेत्रफल से एक सेकंड में गुजरने वाली ध्वनि ऊर्जा को ध्वनि की तीव्रता कहते हैं।

प्रश्न 18. पराध्वनिक चाल की परिभाषा दीजिए।
उत्तर : ध्वनि की चाल से भी अधिक चाल से कोई पिण्ड गति करता है तो उसे पराध्वनिक चाल कहते है।

प्रश्न 19. ठोस, द्रव, व गैस में ध्वनि की चाल सबसे अधिक किसमें होती है
उत्तर : ठोस में ध्वनि की चाल सबसे अधिक होती है।

प्रश्न 20. प्रतिध्वनि किसे कहते है ?
उत्तर : जब कोई ध्वनि किसी माध्यम से टकराकर परावर्तित होती है तो वह ध्वनि हमें पुनः सुनाई देती हैं जिसे प्रतिध्वनि कहते है।

प्रश्न 21स्पष्ट प्रतिध्वनि सुनने के लिए अवरोधक की ध्वनि स्रोत से न्युनतम दूरी कितनी होनी चाहिए ?
उत्तर : 17.2 मीटर ।

प्रश्न 22मनुष्यों में ध्वनि की श्रव्यता का परिसर कितना है ?
उत्तर : मनुष्यों में ध्वनि की श्रव्यता का परिसर 20 हर्ट्ज़ से 20,000 हर्ट्ज़ तक होता है।

प्रश्न 23अवश्रव्य ध्वनि किसे कहते है ? अवश्रव्य ध्वनि की परास क्या है ?
उत्तर : 20 हर्ट्ज़ से कम आवृति की ध्वनियो को अवश्रव्य ध्वनि कहते है। इसका परास 20 हर्ट्ज़ से कम हैं ।

प्रश्न 24पराध्वनि की आवृति निम्न या उच्च में से क्या होती है ?
उत्तर : पराध्वनि की आवृति उच्च होती है।

प्रश्न 25इकोकार्डियोग्राफी किसे कहते है ?
उत्तर : पराध्वनि तरंगों को हृदय के विभिन्न भागों से परावर्तित करा कर हृदय का प्रतिबिम्ब बनाया जाता है। इस तकनिक को इकोकार्डियोग्राफी कहते है।

ध्वनि क्या है इससे जुड़े दीर्घ उत्तरीय प्रश्न और उनके उत्तर

Sound Long Question and Answer in Hindi Science Class 9th Chapter 11

प्रश्न 1. किसी माध्यम में ध्वनि द्वारा उत्पन्न विक्षोभ आपके कानो तक कैसे पहुँचता है ?
उत्तर : तरंग एक विक्षोभ है जो किसी माध्यम से होकर गति करता है और माध्यम के कण निकटवर्ती कणों में गति उत्पन्न कर देते हैं। ये कण इसी प्रकार की गति अन्य कणों में उत्पन्न करते हैं। माध्यम के कण स्वयं आगे नहीं बढ़ते, लेकिन विक्षोभ आगे बढ़ जाता है। यह प्रक्रिया तब तक चलता रहता है जब तक विक्षोभ हमारे कानों तक पहूँच नहीं जाता ।

प्रश्न 2. ध्वनि बूम किसे कहते है ?
उत्तर : जब ध्वनि उत्पादक स्रोत ध्वनि की चाल से अधिक तेजी से गति करती हैं। तो ये वायु में प्रघाती तरंगे उत्पन्न करती हैं इस प्रघाती तरंगों में बहुत अधिक ऊर्जा होती है। इस प्रकार की प्रघाती तरंगों से संबद्ध वायुदाब में परिवर्तन से एक बहुत तेज और प्रबल ध्वनि उत्पन्न होती है जिसे ध्वनि बुम कहते है।

प्रश्न 3. अनुरणन किसे कहते है ? इसे कैसे कम किया जाता है ?
उत्तर : ध्वनि का दीवारों से बारंबार परावर्तन जिसके कारण ध्वनि निर्बध होता हैं, अनुरणन कहलाता है।

इसे कम करने के लिए भवनों में पर्दे लटकाये जाते हैं, ताकि ध्वनि का अवशोषण हो सके । इसके अतिरिक्त कमरें में श्रोताओं की उपस्थिति अधिक हो तो भी ध्वनि का अवशोषण हो सकता है।

प्रश्न 4. पराध्वनि किसे कहते है ? पराध्वनि की परास क्या है ?

उत्तर : 20000 हर्ट्ज़ से अधिक आवृति की ध्वनियो को पराध्वनि कहते है। इसका परास 20000 हर्ट्ज़ से अधिक होता हैं ।
प्रश्न 5: पराध्वनि के तीन अनुप्रयोगों को लिखो। 
उत्तर : पराध्वनि के अनुप्रयोग:-
1. पराध्वनि प्रायः उन भागों को साफ करने में की जाती है जहाँ तक पहुँचना कठिन है। जैसे – सर्पिलाकार नली, इलेक्ट्रानिक पुर्जे इत्यादि।
2. पराध्वनि का उपयोग धातु के ब्लाकों में दरारों का पता लगाने के लिए किया जाता हैं।
3. चिकित्सा क्षेत्र में पराध्वनि (अल्ट्रासाऊण्ड) का प्रयोग बिमारियो का पता लगाने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 6. किसी ध्वनि तरंग की तरंगदैर्ध्य, आवृति, आर्वत काल, तथा आयाम से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर :

(i) तरंगदैर्ध्य – किन्हीं दो निकटतम श्रृगों अथवा गर्तों के बीच की दूरी को या एक दोलन पूरा करने में तरंग द्वारा चली गई दूरी को तरंगदैर्ध्य कहते है।

(ii)आवृति – एक सेंकेण्ड में दोलनों की संख्या को आवृति कहते है ।

(iii) आवर्त काल – एक दोलन पूरा करने में लगा समय आवर्त काल कहलाता है।

(iv) आयाम – किसी तरंग के संचरण में माध्यम के कणों का संतुलन की स्थिति में अधिकतम विस्थापन आयाम कहलाता है।

प्रश्न 7– अल्ट्रासोनोग्राफी क्या है ? इस तकनीक का उपयोग चिकित्सा क्षेत्र में किन किन बिमारियो के निदान के लिए किया जाता है ?

उत्तर – अल्ट्रासोनोग्राफी एक तकनीक है जिसमें पराध्वनि तरंगे शरीर के उतकों में गमन करती हैं तथा उस स्थान से परावर्तित हो जाती हैं । इसके पश्चात् इन तरंगों को विद्युत संकेतों में परिवर्तित किया जाता है।जिससे उस अंग का प्रतिबिम्ब बना लिया जाता है तथा इन प्रतिबिम्बों को मॉनिटर पर या फिल्म पर मुद्रित कर लिया जाता हैं। यह तकनीक अल्ट्रासोनोग्राफी कहलाती है। इस तकनीक का उपयोग चिकित्सा क्षेत्र में निम्नलिखित बिमारियो के निदान के लिए किया जाता है।

(i) शरीर में उत्पन्न असमान्यताओं का पता लगाने के लिए। जैसे – ट्युमर, पित पथरी, गुर्दे का पथरी, इत्यादि।

(ii) गर्भाशय संबन्धी बिमारियों के लिए।

(iii) पेप्टिक अल्सर का पता लगाने के लिए।

प्रश्न 8– सोनार (SONAR) शब्द का पूरा नाम लिखों।

उत्तर – सोनार (SONAR) शब्द का पूरा नाम Sound Navigation And Ranging है।

प्रश्न 9– सोनार क्या है ? इसका उपयोग लिखों।

उत्तर – सोनार एक युक्ति है। जिसमें जल में स्थित पिंडों की दूरी, दिशा, तथा चाल मापने के लिए पराध्वनि तरंगों का उपयोग किया जाता है। यह एक यंत्र है जिसमें एक प्रेषित्र तथा एक संसूचक होता है और इसे नाव या जहाज में लगाया जाता है। सोनार की तकनीक का उपयोग समुद्र की गहराई ज्ञात करने तथा जल के अंदर स्थित चट्टानो, घाटियों, पनडुब्बियों, हिमशैल, डुबे हुए जहाज आदि की जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 10– आवृति का S.I मात्रक क्या है ?

उत्तर – आवृति का S.I मात्रक Htz हर्ट्ज है।

प्रश्न 11– तरंग दैर्ध्य का S.I मात्रक क्या है ?

उत्तर – तरंग दैर्ध्य का S.I मात्रक मीटर है।

प्रश्न 12– दो क्रमिक संपिडनो या शीर्षो के बीच की दूरी को क्या कहते है ?

उत्तर – तरंगदैर्ध्य (wavelengthl)

प्रश्न 13– अनुदैर्ध्य तथा अनुप्रस्थ तरंगों को परिभाषित कीजिए । प्रत्येक का एक एक उदाहरण दीजिए।

उत्तर (1) अनुदैर्ध्य तरंग:- तरंग जिसमें माध्यम के कण उसी दिशा में आगे पिदे कंपन करते है जिसमें तरंग चल रही होती है। अनुदैर्ध्य तरंग कहलाती है।

उदाहरण:- वायु में ध्वनि तरंगें अनुदैर्ध्य तरंगें है।

(2) अनुप्रस्थ तरंग:-  तरंग जिसमें माध्यम के कण उस दिशा में जिसमें गति कर रही है, समकोण पर ऊपर नीचे कंपन करते है, अनुप्रस्थ तरंग कहलाती है।

उदाहरण:- तालाब के जल सतह पर बनी हुई जल तरंगें अनुप्रस्थ तरंगे है।

प्रश्न 14  ध्वनि की प्रबलता तथा तीव्रता में अंतर बताइए्।                                    

उतर-  ध्वनि तंरंग के इकाई क्षेत्रफल में जितनी उर्जा होती है वह ध्वनि की तीव्रता होती है। ध्वनी की प्रबलता की माप ध्वनी स्रोत के कंपनो द्धारा कान पर पहुचने से होती है।

प्रश्न 15– कनर्सट-हाल की छते वक्राकार क्यो होती है?

उतर- कनर्सट-हाल की छते वक्र्राकार इसलिए होती है जिससे ध्वनि परावर्तन के पश्चात हॉल के सभी कोनो तक पहुच जाये।

प्रश्न 16– ध्वनि तरंगों की प्रवृति अनुदैर्ध्य क्यों होती है ?

उत्तर – जब ध्वनि तरंग वायु से होकर गुजरती है, वायु के कण ध्वनि तरंग की दिशा के समान्तर आगे पीछे कंपन करते हैं । इसी प्रकार ध्वनि तरंग क्षैतिज दिशा में चलती है, तो माध्यम के कण भी क्षैतिज दिशा में आगे पीछे कंपन करते है। अतः ध्वनि तरंगे, अनुदैर्ध्य तरंगें होती है |

प्रश्न 17– तडित बिजली की चमक तथा गर्जन साथ साथ उत्पन्न होते है। लेकिन चमक दिखाई देने के कुछ सेकेंण्ड पश्चात् गर्जन सुनाई देती है। ऐसा क्यों ?

उत्तर – तडित बिजली की चमक तथा गर्जन साथ साथ उत्पन्न होते है। लेकिन चमक दिखाई देने के कुछ सेकेंण्ड पश्चात् गर्जन सुनाई देती है क्योंकि प्रकाश की चाल, ध्वनि की चाल से तीव्र होती है। चूकिं प्रकाश (चमक) हम तक जल्दी पहुँच जाता है और गर्जन (ध्वनि) हम तक निम्न चाल के कारण देर से सुनाई देती हैं।

प्रश्न 18. ध्वनि तरंगों के परावर्तन के दो व्यवहारिक उपयोग लिखिए।

उत्तर

(i) मेगाफोन या लाऊडस्पीकर, हार्न तथा शहनाई जैसी वाद्ययंत्र सभी इस युक्ति के अधार पर बनाये जाते हैं।

(ii) स्टेथोस्कोप में रोगी के हृदय की धडकन की ध्वनि बार बार परिवर्तन के कारण डॉक्टर के कानों तक पहुँचती है।

प्रश्न 19– ध्वनि की प्रबलता से क्या तात्पर्य है ? यह किन कारको पर निर्भर करता है ?

उत्तर – किसी एकांक क्षेत्रफल इसे एक सेकेंड में गुजरने वाली ध्वनि ऊर्जा को ध्वनि की प्रबलता कहते है। प्रबलता ध्वनि के लिए कानों की संवेदनशीलता की माप है। ध्वनि की प्रबलता कंपन्न के आयाम पर निर्भर करते है।

प्रश्न 20 – तरंग गति क्या है ?

उत्तर – तरंग गति माध्यम से प्रगमन करता हुआ कंपन विक्षोभ है जिसमें दो बिन्दुओं के बीच सीधे संपर्क हु2ए बिना एक दुसरे बिन्दु को ऊर्जा स्थानांतरित की जाती हैं।

प्रश्न 21– अनुप्रस्थ तरंगे तथा अनुदैर्ध्य तरंगों में कोई दो अंतर लिखों।

उत्तर –

अनुप्रस्थ तरंगे         

(i) इन तरंगों से माध्यम के कण गति की दिशा के लंबवत् गति करते है।

(ii) इन तरंगों के शिर्ष एवं गर्त बनते है।

अनुदैर्ध्य तरंगे

(i) इन तरंगों से माध्यम के कण गति की दिशा के अनुदिश गति करते है।

(ii) इन तरंगों में संपीडन व विरलन बनते है।

प्रश्न 22– मनुष्य का कान किस प्रकार कार्य करता हैं ? विवेचना कीजिए।

उत्तर – बाहरी कान परिवेश से ध्वनि को एकत्रित करता हैं तथा एकत्रित ध्वनि श्रवण नलिका से गुजरती है । श्रवण नलिका के सिरे पर एक पतली झिल्ली होती है जिसे कर्ण पटह कहते है। जब माध्यम के संपीडन कर्ण पटह तक पहुचते है तो झिल्ली के बाहर लगने वाला दाब बढ जाता है और यह कर्ण पटह को अंदर की ओर दबाता हैं, इसी प्रकार विरलन के पहुचने पर कर्ण पटह बाहर की ओर गति करता हैं। इस प्रकार कर्ण पटह कंपन करता है। कर्ण पटह के भीतर मध्य कर्ण में इलियम, मेलियस, और स्टेपीस नाम की तीन हड्डियाँ इन कंपनों को कई गुना बढा देती हैं । मध्य कर्ण इन ध्वनि तरंगों को आंतरिक कर्ण तक पहुँचा देता है। आंतरिक कर्ण में उपस्थित कर्णावत (कोक्लीया) इन दाब परिवर्तनों को विद्युत संकेतों में बदलकर श्रवण तंत्रिका द्वारा मस्तिष्क तक भेज दिया जाता है।

ध्वनि क्या है इससे जुड़े बहुविकल्पीय प्रश्न और उनके उत्तर

Sound Objective Question and Answer in Hindi Science Class 9th Chapter 12

निर्देश : प्रत्येक प्रश्न में दिये गये वैकल्पिक उत्तरों में से सही उत्तर चुनिए
1. हर्ट्ज मात्रक है
(a) ऊर्जा को
(b) वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता का
(c) आवृत्ति का
(d) तरंगदैर्घ्य का

  1. चन्द्रमा पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता रहता है। चन्द्रमा की गति
    (a) सरल आवर्त गति
    (b) कम्पनित गति है।
    (c) दोलन गति है
    (d) आवर्त गति है।
  2. किसी गैस में तरंगें उत्पन्न हो सकती हैं
    (a) केवल अनुप्रस्थ
    (b) केवल अनुदैर्घ्य
    (c) अनुप्रस्थ तथा अनुदैर्घ्य दोनों
    (d) दोनों में से कोई नहीं
  3. अनुप्रस्थ तरंगों में दो शृंगों के बीच की दूरी ह्येती है
    (a) आयाम
    (b) अर्द्ध-आयाम
    (c) तरंग दैर्घ्य
    (d) अर्द्ध तरंग दैर्घ्य
  4. ध्वनि की चाल सर्वाधिक होती है
    (a) ठोस में
    (b) द्रव में
    (c) गैस में।
    (d) ठोस व द्रव में
  5. एक तरंग की तरंगदैर्घ्य 50 सेमी तथा आवृत्ति 400 प्रति सेकण्ड है। तरंग की चाल होगी
    (a) 8 सेमी.सेकण्ड-1
    (b) 20,000 सेमी.सेकण्ड-1
    (c) 400 सेमी.सेकण्ड-1
    (d) 200 सेमी.सेकण्ड-1
  6. अनुदैर्घ्य तरंगों में माध्यम के कण दोलन करते हैं
    (a) तरंग गति की दिशा के लम्बवत्
    (b) तरंग गति की दिशा से 60° के कोण पर
    (c) तरंग गति की दिशा के समान्तर
    (d) किसी दिशा में नहीं
  7. अनुप्रस्थ तरंगों में माध्यम के कण दोलन करते हैं
    (a) तरंग गति की दिशा के लम्बवत्
    (b) तरंग गति की दिशा के समान्तर
    (c) तरंग गति की दिशा से 120° कोण पर
    (d) किसी दिशा में नहीं
  8. पानी में पत्थर डालने पर पानी की सतह पर उत्पन्न तरंगें होती हैं
    (a) केवल अनुदैर्घ्य
    (b) केवल अनुप्रस्थ
    (c) अनुप्रस्थ व अनुदैर्घ्य दोनों
    (d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
  9. वायु में ध्वनि तरंगों की प्रकृति होती है
    (a) केवल अनुप्रस्थ
    (b) केवल अनुदैर्घ्य
    (c) विद्युत चुम्बकीय तरंगें।
    (d) अनुप्रस्थ एवं अनुदैर्घ्य दोनों प्रकार की
  10. किसी तरंग की चाल (υ), आवर्तकाल (T) तथा तरंगदैर्घ्य λ में सही सम्बन्ध है
    (a) υ = λT
    (b) υ =

(c) υ =
(d) T = λυ

  1. ध्वनि तरंगों की आवृत्ति होती है
    (a) 20 हर्ट्ज से कम
    (b) 20,000 हर्ट्ज़ से अधिक
    (c) 20 हर्ट्ज से 20,000 हर्ट्ज तक
    (d) उपर्युक्त तीनों
  2. तरंगदैर्घ्य (λ), आवृत्ति (n) तथा तरंग दैर्यो की चाल (υ) में सही सम्बन्ध है-
    (a) n =

(b) υ =
(c) λ =
(d) λ =

  1. वायु में दो ध्वनियों की तरंग दैर्ध्य का अनुपात 1 : 4 है। इनकी आवृत्तियों का अनुपात होगा
    (a) 1 : 4
    (b) 1 : 2
    (c) 4 : 1
    (d) 2 : 1

उत्तरमाला

  1. (C)
  2. (D)
  3. (B)
  4. (C)
  5. (A)
  6. (B)
  7. (C)
  8. (A)
  9. (B)
  10. (D)
  11. (C)
  12. (C)
  13. (C)
  14. (C)
शेयर करे

LEAVE A RESPONSE

Your email address will not be published. Required fields are marked *