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मुगल शासक और उनके साम्राज्य का इतिहास कार्यकाल | Mughal Rulers and their Empire History in Hindi

मुगल शासक और उनके साम्राज्य का इतिहास कार्याकाल

Mughal Rulers and their Empire History in Hindi

मुगल साम्राज्य की बात करे तो 1526 ई. से 1857 ई. तक लगभग 331 सालों तक शासन रहा है। मुगल वंश का संस्थापक बाबर था। बाबर एवं उत्तरवर्ती मुगल शासक तुर्क एवं सुन्नी मुसलमान थे। बाबर ने मुगल वंश की स्थापना के साथ ही पद-पादशाही की स्थापना की, जिसके तहत शासक को बादशाह कहा जाता था।

भारत में मुगल सम्राटों के शासक की सूची

List of Mughal Emperors in Hindi

Mughal Rulers and their Empire History in Hindiतो आइए अब इन भारत में मुगल सम्राटों के शासक की सूची List of Mughal Emperors in Hindi को उनके शासन काल खंड से जानते है –

  • बाबर  – शासनकाल -1526-1530
  • हुमायूं  – शासनकाल -1530-1540, 1555-1556
  • अकबर –  शासनकाल -1556-1605
  • जहांगीर – शासनकाल -1605-1627
  • शाहजहां  – शासनकाल -1628-1658
  • औरंगजेब – शासनकाल -1658-1707
  • बहादुर शाह (प्रथम) – शासनकाल -1707- 1712
  • जहांदर शाह  – शासनकाल -1712-1713
  • फरुख्सियार – शासनकाल -1713-1719
  • रफी उल दर्जात – शासनकाल -1719
  • रफी उल दौलत. – शासनकाल -1719
  • मोहम्मद इब्राहिम – शासनकाल -1720
  • मोहम्मद शाह – शासनकाल -1719-1720, 1720- 1748
  • अहमद शाह बहादुर – शासनकाल -1748- 1754
  • आलमगीर (द्वितीय) – शासनकाल -1754-1759
  • शाहजहां (तृतीय) – शासनकाल -1759-1760
  • शाह आलम (द्वितीय) – शासनकाल -1760-1806
  • अकबर शाह (द्वितीय) – शासनकाल -1806-1837
  • बहादुर शाह (द्वितीय) – 1837-1857.

मुगल शासक और उनके साम्राज्य का इतिहास कार्याकाल

Mughal Rulers and their Empire History in Hindi

तो चलिये अब इन मुगल शासक और उनके साम्राज्य का इतिहास कार्याकाल Mughal Rulers and their Empire History in Hindi को एक एक करके सबके बारे मे विस्तार से जानते है –

बाबर

Mughal Emperor Babar Biography History in Hindi

बाबर का जन्म फरवरी, 1483 ई. में हुआ था। बाबर के पिता उमरशेख मिर्जा फरगाना नामक छोटे राज्य के शासक थे। बाबर ने 1507 ई. में बादशाह की उपाधि धारण की, जिसे अब तक किसी तैमूर शासक ने धारण नहीं की थी। बाबर के चार पुत्र थे – हुमायूँ, कामरान, असकरी तथा हिंदाल। बाबर का वास्तविक नाम जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर था। बाबर, महान विजेता तैमूर का वंशज था और उसकी माता कुतलुक निगारखानम पराक्रमी चंगेज खाँ की वंशज थी। बाबर, 1494 ई. में 11 वर्ष की आयु में फरगना का शासक बना।

मुगल साम्राज्य का संस्थापक था। यह गंघीज खान का वंशज था, 1526 के पानीपत के युद्ध और खाना के युद्ध के पश्चात इसने मुगल साम्राज्य की स्थापना की थी।

हुमायूं

Mughal Emperor Humayun Biography History in Hindi

हुमायूँ का जन्म 6 मार्च, 1508 ई. को काबुल में हुआ था। हुमायूँ अरबी, फारसी एवं तुकी भाषा का अच्छा ज्ञाता था। नासीरुददोन हुमायूँ 29 दिसम्बर, 1930 ई. को आगरा में 23 वर्ष को अवस्था में मुगल सिंहासन पर बैठा। दिल्ली की गद्दी पर बैठने से पहले हुमायूँ बदख्शों का सूबेदार था। अपने पिता के निर्देश के अनुसार हुमायूँ ने अपने राज्य का बँटवारा अपने भाइयों में कर दिया। इसने कामरान को काबुल और कंधार, मिर्जा असकरी को संभल, मिर्जा हिंदाल को अलवर एवं मेवाड़ की जागीरें दी। अपने चचेरे भाई सुलेमान मिजां की हमारों ने बदख्शाँ प्रदेश दिया। 1533 ई. में हुमायूँ ने दीनपनाह नामक नए नगर की स्थापना की थी।

मुगल साम्राज्य का दूसरा शासक था। इस साम्राज्य पर हुमायूं दो बार शासन किया था। हुमायूं का पहला शासन काल का सबसे बड़ा अवरोधक सूरी वंश के लोग थे, जिनसे हुमायूं युद्ध भी हार चुका था। हुमायूं को हराने वाले शेरशाह सूरी थे, जिन्होंने सूरी वंश की स्थापना भी की थी। हुमायूं का दूसरा शासन काल पहले वाला से बेहतर था। और इसी शासनकाल में हुमायूं अपना उत्तराधिकारी अपना बेटा अकबर को घोषित किया।

अकबर

Mughal Emperor Akbar Biography History in Hindi

अकबर का जन्म अमरकोट के राणा वीरसाल के महल में 15 अक्टूबर, 1542 ई. को हुआ था। हुमायूँ की मृत्यु के समय अकबर पंजाब में था, जहाँ बैरम खां के संरक्षण में पंजाब के गुरुदासपुर जिले के कालानौर नामक स्थापन पर 14 फरवरी, 1556 ई. को अकबर का राज्याभिषेक मिजा अबुल कासिम ने किया था। 1556 ई. में अकबर ने बैरम खा को अपना वकील (वजीर) नियुक्त कर ‘खान-ए-खाना’ की उपाधि से उसे अलंकृत किया था। अकबर की धार्मिक नीति का मूल उद्देश्य सार्वभौमिक सहिष्णुता था, इसे ‘सुलहकुल’ की नीति कहते हैं।

हुमायूं के बाद मुगलों के गद्दी पर अकबर बैठे। अकबर मुगलों के गद्दी पर बैठने वाला सबसे नवयुवक शासक था जो 13 साल के उम्र में ही शासन पद को संभाल लिया।
अकबर और बैरम खान द्वारा पानीपत के दूसरे युद्ध में हेमू को हराया गया, जिसके परिणामत्तः चित्तौड़गढ़ और रणथंभौर पर अधिग्रहण का जीत भी प्राप्त हुआ। अकबर हिंदुओं पर लगे जिज्याह कर को भी खत्म किए।

अकबर ने दार्शनिक एवं धर्मशास्त्रीय विषयों पर वाद-विवाद हेतु फतेहपुर सीकरी में एक इबादतखाना (प्रार्थना भावन) का निर्माण 1575 ई. में कराया था। अकबर म ने सभी धर्मों में सामंजस्य स्थापित करने हेतु 1582 ई नवीन धर्म प्रवर्तित किया। अकबर के समय की प्रमुख स्थापत्य उपलब्धि फतेहपुर सीकरी है। अकबर के काल में भारत आने वाला यात्री मानडेल्स्लो था। अकबर की प्रारम्भिक कठिनाइयों को समाप्त करने का श्रेय बैरम खाँ को है।

1562 ई. में अकबर ने दास प्रथा को समाप्त किया।अकबर ने 1562 ई . में ऐतमाद खाँ की सहायता से बजट प्रथा प्रारम्भ की थी। अकबर ने 1563 ई. में तीर्थयात्रा कर समाप्त कर दिया। अकबर ने 1564 ई में जजिया कर समाप्त किया। अकबर की शासन प्रणाली की प्रमुख विशेषता मनसबदारी प्रथा थी। अकबर के दरबार का प्रसिद्ध संगीतकार तानसेन था। अकबर के दरबार के प्रसिद्ध चित्रकार अब्दुससमद था। अकबर के शासनकाल के प्रमुख गायक तानसेन, बाजबहादुर, बाबा रामदास एवं बैजू बाबरे थे।

जहांगीर

Mughal Emperor Jahangir Biography History in Hindi

अकबर के शासन के 13 वें वर्ष अर्थात् 30 अगस्त, 1569 ई. को जहांगीर का जन्म हुआ था। जहाँगीर के बचपन का नाम सलीम था। सलीम का शिक्षक अकबर का नौरल अब्दुर्रहीम खानखाना था। अकबर की मृत्यु के पश्चात् सलीम का ‘जहाँगीर’ के नाम से आगरा के किले में राज्याभिषेक हुआ। जहाँगीर के सिंहासन पर बैठते ही सबसे पहले उसके पुत्र खुसरो ने 1606 ई. में आगरा पंजाब जाकर विद्रोह कर दिया। जहाँगीर ने उसे भैरोवल के मैदान में परास्त किया तथा जहाँगीर के आदेश पर उसे अन्धा कर दिया गया था। जहाँगीर के पाँच पुत्र थे – खुसरो, परवेज, खुर्रम, शहरयार, जहाँदार।

मुगल साम्राज्य का एक ऐसा शासक था, जिसका संबंध सीधे तौर पर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी से थे।

मई 1611 ई. में जहांगीर ने मेहरुन्निसा (नूरजहाँ) नामक विधवा से विवाह करके उसे ‘नूरमहल’ की उपाधि दी। नूरजहाँ को 1613 ई. में बादशाह बेगम भी बनाया गया। नूरजहाँ के पिता मिर्जा ग्यासबेग को दीवान अथवा राज्य कर मन्त्री नियुक्त किया गया था उसे ‘एतमाद्दौला’ की उपाधि भी दी गई। खुसरो की सहायता एवं आशीर्वाद देने के अभियोग में सिक्खों के पाँचवें गुरु अर्जुन देव को जहाँगीर ने मृत्यु दण्ड दिया तथा उनकी सारी सम्पत्ति जब्त कर ली। जहाँगीर को न्याय की जंजीर के लिए याद किया जाता है। यह जंजीर सोने की बनी थी, जो आगरे के किले के शाहबुर्ज एवं यमुना तट पर स्थित पत्थर के खम्भे में लगवाई हुई थी।

शाहजहां

Mughal Emperor Shahjahan Biography History in Hindi

जहाँगीर के बाद सिंहासन पर शाहजहाँ बैठा। शाहजहाँ के बचपन का नाम खुर्रम था। शाहजहाँ का जन्म लाहौर में 5 जनवरी, 1592 ई. को हुआ था। इसकी माता का नाम जगत गोसाईं थीं। 1628 ई. में आगरा के राजसिंहासन पर शाहजहाँ का राज्यारोहण हुआ। शाहजहाँ ने अपनी पत्नी ‘अर्जुमन्द बानू बेगम’ को मुमताज महल की उपाधि से अलंकृत किया। 1631 ई. में प्रसव पीड़ा के कारण उसकी मृत्यु हो गया। अपनी बेगम मुमताज महल की याद में शाहजहाँ ने ताजमहल का निर्माण आगरे में उसकी कब्र के ऊपर करवाया। ताजमहल का निर्माण करने वाला मुख्य स्थापत्य कलाकार उस्ताद अहमद लाहौरी था।

मुगलों का एक ऐसा शासक था, जिसने अपने शासनकाल में कला और पुरातत्वविद् का प्रयोग सबसे ज्यादा किया, शाहजहां एक शांतिपुरक शासक था, जिसने अपने कार्यकाल में ताजमहल, जमामस्जिद, लालकिला, शालीमार गार्डन जैसे प्रमुख कला स्थलों और इमारतों का निर्माण किया गया।

औरंगजेब

Mughal Emperor Aurangzeb Biography History in Hindi

मुहीउद्दीन मुहम्मद औरंगजेब, शाहजहाँ तथा मुमताज महल की छठी सन्तान थी। औरंगजेब का जन्म 1618 ई. में उज्जैन के निकट दोहद नामक स्थान पर हुआ था। औरंगजेब का विवाह फारस के राजघराने की शहजादी दिलराम बानो बेगम (रबिया बीबी ) से 1637 ई. में हुआ। उत्तराधिकार युद्ध में विजय प्राप्त करने के पश्चात् 21 जुलाई, 1658 ई. को औरंगजेब आगरा के सिंहासन पर बैठा। औरंगजेब का वास्तविक राज्याभिषेक एक वर्ष पश्चात् 5 जून 1659 ई. को अत्यन्त धूमधाम के साथ दिल्ली में हुआ था।

औरंगजेब, शाहजहां का पुत्र था, शाहजहां के मृत्यु के बाद इस गद्दी पर औरंगजेब बैठा। औरंगजेब के शासक बनने के बाद इन्होंने इस्लामिक कानून के संशोधन के बाद उसके जगह फतवा ए आलमगिरी को रखा गया। औरंगजेब के शासनकाल में गलकोंडा सल्तनत के हीरे के खान पर कब्जा किया गया और लगातार 27 साल से चल रही मराठा विद्रोहियों के साथ युद्ध के बाद मुगल साम्राज्य का विस्तार भी हुआ।

सम्राट बनने के उपरान्त औरंगजेब ने जनता के आर्थिक कष्टों के निवारण हेतु राहदारी (आन्तरिक पारगमन शुल्क) और पानदारी (व्यापारिक चुंगियों) आदि को समाप्त कर दिया था। औरंगजेब के शासनकाल में 1689 ई. तक मुगल साम्राज्य अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँच गया, जो काबुल से लेकर चीन तक और कश्मीर से लेकर कावरी नदी तक विस्तृत था। औरंगजेब ने 1679 ई. में जाजिया कर को पुनः लागू किया। 1679 ई. में औरंगजेब ने बीबी का मकबरा का निर्माण औरंगजेब ने कुरान को अपने शासन का आधार बनाया।

औरंगजेब ने सिक्के पर कलमा खुदवाना, नवरोज का त्योहार मनाना, भाँग की खेती करना, गाना बजाना झरोखा दर्शन, तुलादान प्रथा आदि पर प्रतिबंध लगा दिया। औरंगजेब ने 1699 ई. में हिन्दू मंदिरों को तोड़ने का आदेश दिया। 1686 ई . में बीजापुर एवं 1697 में गोलकुण्डा को औरंगजेब ने मुगल साम्राज्य में मिला लिया। औरंगजेब का पुत्र अकबर ने दुर्गादास के बहकावे में आकर अपने पिता के खिलाफ विद्रोह किया। औरंगजेब की मृत्यु 4 मार्च, 1707 ई. को हुई। औरंगजेब को दौलताबाद में स्थित फकीर बुहरानुद्दीन के कब्र के अहाते में दफना दिया गया।

बहादुर शाह (प्रथम)

Mughal Emperor Bahadur Shah (1st) Biography History in Hindi

औरंगजेब का सबसे बड़ा पुत्र मुहम्मद मुअब्जम बहादुरशाह को पदवी धारण करके 63 वर्ष की आयु में मुगलराज सिंहासन पर आसीन हुआ। बहादुरशाह ने अपने शासनकाल में राजपूतों व मराठों के प्रति सहनशील व शान्ति की नीति अपनायी। बहादुरशाह की मृत्यु 1712 ई में हुई । बहादुरशाह प्रथम को मृत्यु के पश्चात् उत्तराधिकार के लिए उसके चार पुत्रों में संघर्ष हुआ। बहादुरशाह का ज्येष्ठ पुत्र उनीजउद्दीन अपने भाइयों को मारकर अमीर जुल्फिकार खाँ की सहायता से जहाँदरशाह की पदवी धारण कर राजसिंहासन पर आसीन हो गया।

बहादुर शाह (प्रथम) को मौज़्जम खान के नाम से भी जाना जाता है। उनके शासनकाल के बाद से मुगलों का पतन होना शुरू हो गया। क्योंकि इसके बाद से मुगल साम्राज्य में ऐसे शासक नही थे, जिनके पास नेतृत्व और सही फैसले लेने की क्षमता हो।

जहांदर शाह

Mughal Emperor Jahandar Shah Biography History in Hindi

जहाँदरशाह मुगल सम्राट बनने के बाद जुल्फिकार खाँ को वजीर के पद पर नियुक्त किया। मुगल साम्राज्य के इस  अत्यधिक भ्रष्ट एवं लोभी आचरण वाले बादशाह जहाँदरशाह पर उसकी प्रेमिका लाल कुंवर का विशेष प्रभाव था। जहाँदरशाह के भान्जे फखसियर ने हिन्दुस्तानी अमीर सैय्यद बन्धुओं की सहायता से जहाँदरशाह को अपदस्थ कर हत्या करा दी। यह मुगलों ने एक ऐसा शासक थे, जिनकी लोकप्रियता शून्य थी, और केवल नाम मात्र के शासन किए।

फुरुख्सियार

Mughal Emperor Furukhsiyar Biography History in Hindi

जहाँदरशाह को भारतीय इतिहास में लम्पट मूर्ख शासक की संज्ञा प्राप्त है। फरुखसियर को सिंहासन सैय्यद बन्धुओं की सहायता से प्राप्त हुआ था। फरुखसियर ने सैय्यद बन्धुओं को सम्मानित करते हुए सैय्यद अब्दुको मुगल साम्राज्य का वजीर और सैय्यद हुसैन अली को मोरबख्शी बनाया। सैय्यद बन्धुओं ने अपनी महत्वाकांक्षा के अनुरूप 19 जून 1719 ई. को फर्रुखसियर की हत्या करवा दी। इसके बाद रफीउद्दौला रफोउदरजात को मुगल बादशाह बनाया। रफीउद्दौला को शाहजहाँ द्वितीय को उपाधि से सुशोभित किया था।

ये मुगल के एक ऐसे शासक थे, जिन्हे सैयद बंधुओं के जोड़ तोड़ और उनके प्रभुत्व के कारण चिन्हित किया गया था, इन्होंने 1717 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को बंगाल में करने वाले व्यापार के लिए किसी भी कर को न देने वाले जैसे फरमान को स्वीकृति दी थी।

रफी उल दर्जात

Mughal Emperor Rafi Ul Dartat Biography History in Hindi

यह मुगल साम्राज्य का दसवां शासक था, जो फर्रुखसियार से सफल शासक था,इनके नाम का भी घोषणा  सैयद बंधुओं के द्वारा ही की गई थी।

रफी उल दौलत

Mughal Emperor Rafi Ul Daulat Biography History in Hindi

इनको मुगलों का शासन संभालने का मौका एक आपात जैसी स्तिथि में काम वक्त के लिए मिला था।

मोहम्मद इब्राहिम

Mughal Emperor Mohammed Ibrahim Biography History in Hindi

दौलत का भाई था, जिसने सैयद बंधुओं के आदेश पर इनकी गद्दी पर अधिकार किया,ताकि सम्राट मुहम्मद शाह को उनके पद से हटा सके।

मुहम्मद शाह

Mughal Emperor Muhammad Shah Biography History in Hindi

रफीउदरजात की मृत्यु के उपरान्त सैय्यद भाइयों ने रोशन अख्तर को सितम्बर 1719 में मुहम्मदशाह को उपाधि के साथ सिंहासन पर बैठाया। मुहम्मदशाह के सिंहासन पर बैठते ही सैय्यद भाईयों के विरुद्ध षड्यन्त्र का सूत्रपात हो गया। 1722 ई. में तुरानी गुट के अमीर निजाम उल मुल्क ने सैय्यद बन्धुओं की हत्या करा दी तथा स्वयं वजीर बन गया। 1724 ई में निजामुल्क में दक्षिण में स्वतन्त्र हैदराबाद राज्य की स्थापना की। मुहम्मदशाह ने उसकी स्वतंत्रा को मान्यता देते हुए उसे ‘आसफजाह’ को उपाधि से अलंकृत किया।

मुहम्मद शाह  को रंगीला के नाम से भी जाना जाता है, यह सैयद बंधुओं से पूरे साम्राज्य को छुटकारा दिलाया। शाह मराठा के पखंडो का उजागर करते हुए इनका विरोध किया और डेक्कन तथा मालवा के लंबी सड़को को एक में मिलाया।

मुहम्मदशाह ने 1720 ई. में जजिया कर को सदैव के लिए प्रतिबन्धित कर दिया था। मुहम्मदशाह के ही काल में फारस के अफगान शासक नादिरशाह ने 1939 ई. में भारत पर आक्रमण किया। नादिरशाह ने करनाल के समीप मुगल सेना को युद्ध में पराजित कर दिल्ली के खजाने को खूब लूटा तथा वापस जाते वक्त वह मयूर सिंहासन व कोहिनूर हीरा भी ले गया। मुहम्मदशाह के पश्चात् 1748 ई. में उसका पुत्र अहमदशाह राजसिंहासन पर आसीन हुआ।

अहमद शाह बहादुर

Mughal Emperor Ahmed Shah Bahadur Biography History in Hindi

अहमद शाह, मुहम्मद शाह का बेटा था। उसके मंत्री ही सफदरजंग के मुगल सिविल युद्ध के जिम्मेदार थे, उसे मराठा संघ के द्वारा सिकंदराबाद में हराया गया।

अहमदशाह ने अवध के सूबेदार सफदरजंग को अपना वजीर नियुक्त किया। 1754 ई. में जहाँदरशाह का पुत्र आलमगीर द्वितीय के नाम से मुगल बादशाह के पद पर आसीन हुआ।

आलमगीर (द्वितीय)

Mughal Emperor Alamgir (Second) Biography History in Hindi

यह भी एक मुगल शासक था, जिसे एक साजिश के तहत इमाद उल मुल्क और उसके मराठा सहयोगी सदाशिवराव भाऊ के द्वारा मार दिया गया था।

अहमदशाह के बाद आलमगीर द्वितीय मुगल सिहासन पर बैठा। आलमगीर द्वितीय अपने वजीर इमादुल्गुल्क का कठपुतली शासक था।

शाहजहां (तृतीय)

Mughal Emperor Shahjahan (Third) Biography History in Hindi

इनको मुगलों के गद्दी पर पानीपत के तृतीय युद्ध के बाद राजकुमार प्रिंस मिर्ज़ा जवान बख्त के द्वारा बैठाया गया था।

शाह आलम (द्वितीय)

Mughal Emperor Shah Alam (Second) Biography History in Hindi

इन्हे मुगलों के अंतिम प्रभावी सम्राट के रूप में देखा जाता है। इन्होंने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ बक्सर के युद्ध में लड़ाई लड़ी।

1759 ई. में आलमगीर द्वितीय का पुत्र अली गौहर शाहआलम द्वितीय की पदवी धारण कर मुगल राजसिंहासन पर आसीन हुआ। इसने अपने शत्रुओं का मुकाबला करने के लिए मराठों को सहायता ली। 1765 ई. में शाह आलम द्वितीय ने 26 लाख रुपए वार्षिक पेंशन के बदले अंग्रेजों को बंगाल व बिहार की दीवानी दे दी।

अकबर शाह (द्वितीय)

Mughal Emperor Akbar Shah (Second) Biography History in Hindi

ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी शाह से मिलकर कार्य करती थी, और उनके लिए सुरक्षा व्यवस्था का भी इंतजाम किया गया था।

शाह आलम द्वितीय के पश्चात् 1806 ई. में उसका पुत्र अकबर द्वितीय मुगल राजसिंहासन पर आसीन हुआ। अकबर द्वितीय अंग्रेजों के संरक्षण में बनने वाला प्रथम मुगल बादशाह था। इसके समय में मुगल साम्राज्य मात्र लाल किले तक ही सीमित रह गया था। 1837 ई. में इस मुगल सम्राट की मृत्यु हो गई।

बहादुर शाह (द्वितीय)

Mughal Emperor Bahadur Shah (Second) Biography History in Hindi

यह मुगल साम्राज्य के अंतिम सम्राट थे, जिनको अंग्रेजों द्वारा उनसे सारे संपतियों पर अधिग्रहण के बाद बर्मा के बनवास के लिए भेज दिया गया।

अकबर द्वितीय का पुत्र बहादुरशाह जफर द्वितीय मुगल साम्राज्य का अन्तिम मुगल सम्राट था। 1857 ई. के विद्रोह में वह विद्रोहियों का नेता घोषित किया गया था। अंग्रेजों ने बहादुरशाह जफर को बन्दी बना कर रंगून निर्वासित कर दिया था। 1862 ई. में मुगल साम्राज्य की इस अन्तिम मुगल सम्राट की मृत्यु हो गई।

मुगल साम्राज्य की महत्वपूर्ण जानकारी

Important information about Mughal Empire in Hindi

मुगल साम्राज्य से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यो को जानते है –

  • मुगल साम्राज्य में सूचना एवं गुप्तचर विभाग का प्रधान दरोगा – ए – डाक चौकी कहलाता था ।
  • सबसे बड़ा सिक्का शंसब सोना का था।
  • स्वर्ण का सबसे प्रचलित सिक्का इलाही था।
  • दैनिक लेन – देन के लिए ताँबे के दाम का प्रयोग होता था ।
  • एक रुपया में 40 दाम होते थे।
  • मुगल साम्राज्य में लगानहीन भूमि ( मदद – ए – माश ) का निरीक्षण सद्र करता था।
  • सम्राट के विभागों का धान मीर समान कहलाता था।
  • मुगल सेना के ( 1 ) पैदल सैना, ( ii ) घुड़सवार सैना, ( iii ) तोपखाना और ( iv ) हाथी सेना चार भाग थे ।
  • भूमिकर के विभाजन मुगल शासन व्यवस्था मंत्रिपरिषद् को विजारत कहा जाता था।
  • सम्राट के बाद शासन के कार्यों को संचालित करने वाला सबसे महत्वपूर्ण अधिकारी वकील था।
  • जब कभी सद्र न्याय विभाग के प्रमुख का कार्य करता था, तब उसे काजी कहा जाता था।
  • खालसा भूमि- प्रत्यक्ष रूप से बादशाह के नियंत्रण में।
  • मुगल साम्राज्य में जागीर भूमि – तनख्वाह के बदले दी जाने वाली भूमि।
  • सयूरगल या मदद – ए – माश भूमि अनुदान में दी गई।
  • लगानहीन करोड़ी नामक अधिकारी की नियुक्ति 1573 ई में अकबर के द्वारा की गयी थी। इसे अपने क्षेत्र से एक करोड़ दाम वसूल करना होता था।
  • अकबर ने 1580 ई. में दहसाला नाम की नवीन कर प्रणाली प्रारंभ की। इस व्यवस्था को टोडरमल बन्दोबस्त’ भी कहा जाता है।
  • औरंगजेब ने अपने शासनकाल में नस्क प्रणाली को अपनाया और भू – राजस्व की राशि की उपज का आधा कर दिया।
  • प्रशासन की दृष्टि से मुगल साम्राज्य का बँटवारा सूबों में, सूबों का सरकार में सरकार का परगना या महाल में , महाल का जिला या दस्तूर में और दस्तूर ग्राम में बँटे थे।
  • मुगल साम्राज्य में प्रशासन की सबसे छोटी इकाई ग्राम थी, जिसे मावदा या दीह कहते थे। मावदा के अन्तर्गत छोटी-छोटी बस्तियों को नागला कहा जाता था।
  • शाहजहाँ के शासनकाल में सरकार एवं परगना के मध्य चकला नाम की एक नई इकाई की स्थापना की गयी थी।
  • मुगल साम्राज्य में रुपए की सर्वाधिक ढलाई औरंगजेब के समय में हुई।
  • शाहजहाँ ने आना सिक्के का प्रचलन करवाया । जहाँगीर ने सिक्कों पर अपना एवं नूरजहाँ का नाम अंकित करवाया।
  • 1570-71 ई . में टोडरमल ने खालसा भूमि पर भू-राजस्व की नवीन प्रणाली जब्ती प्रारंभ की।
  • मनसबदारी प्रथा अकबर ने प्रारंभ की थी। 10 से 500 तक मनसब प्राप्त करने वाले मनसबदार , 500 से 2500 तक मनसव प्राप्त करने वाले उमरा तथा 2500 . से ऊपर तक मनसब प्राप्त करनेवाले अमीर – ए – आजम कहलाते थे।
  • मुगल शासक शाहजहान जिसकी ख्याती दुनियाभर मे कलाप्रेमी के तौर पर इतिहास मे मौजूद है, जिसने ना केवल शिल्पकला और भव्य स्मारक निर्मित किये थे, बल्की उस जमाने मे अनमोल हिरे और रत्नो से बना सुंदर सिंहासन भी उसने खुद्के लिये बनाया था। इस खास सिंहासन का नाम तख्त-ए-ताउस था ताउस एक अरबी शब्द है जिसका मतलब मोर या मयूर होता है, शाहजहान इसे मयूर सिंहासन संबोधित करता था जिसकी सुंदरता ताजमहाल से कम नही थी। पर क्रूर आक्रांता नादिर शाह के आक्रमण मे दिल्ली को लुटा गया जिसमे इस मयूर सिंहासन को दिल्ली से इराण ले जाया गया था। नादिर शाह की इराण मे हत्या के बाद से ये सिंहासन अभी तक पहेली बना हुआ है और ये खुलासा नही हो पाया के उसके बाद ये किसके पास है।
  • भारतीय इतिहास के पन्नो मे महान शासक अकबर के समय के शासन की सराहना की जाती है।जिसमे अकबर को कुशल राजा और भाईचारा कायम कर अमन पसंद शासक माना जाता है, पर क्या आप जानते है के अकबर एक विचित्र बिमारी से ग्रासित था जिसमे उसे पढने लिखने मे काफी दिक्कते आती थी। यु कहे तो इतिहासकारो के मत तथा ऐतेहासिक प्रमाणो के मुताबित अकबर एक अनपढ व्यक्ती थे जिन्हे डिस्लेक्सिया यानी पढने लिखने मे समस्या की बिमारी थी। अबुल फजल के आईन-ए-अकबरी मे भी इस बात का जिक्र किया हुआ है।
  • अनमोल कोहिनूर हिरा एक वक्त तक मुगल साम्राज्य के अधीन था जिसे मुगल शासक सर के उपर ताज मे इस्तेमाल किया करते थे। परंतु नादिर शाह के लुट ने इस बेशकिमती हिरे को भी भारत से लुटकर इराण ले जाया गया था और फिर इराण के राजासे ये अंग्रेजो को मिला जो आज तक उनके ही अधीन है।
  • बाबर का पुत्र हुमायु दुसरा मुगल शासक बना, जिसको अफीम और नशेबाजी की बहुत ज्यादा आदत थी। इस नशेखोरी मे ही हुमायु को शेरशाह सुरी से पराजय का सामना करना पडा था तथा प्रबल शासक शेरशाह सुरी के वर्चस्व के वजह से जीवन के कई साल अज्ञातवास जैसे गुजारने पडे थे।हालाकि शेरशाह सुरी के मृत्यू के पश्चात पुनः दिल्ली पर मुगल शासक हुमायु का साम्राज्य स्थापित हुआ था।
  • मुगल साम्राज्य का सबसे अधिक शासन करने वाला शासक औरंगजेब था, जिसने सत्ता को हासिल करने हेतू अपने ही तीन भाईयो की हत्या कर दी थी। औरंगजेब को सबसे कडवा प्रतिकार मराठो द्वारा मिला था, जिसमे मराठा शासन को पूर्णतः नष्ट करने के उद्देश्य से मुगल शासन की राजधानी को दिल्ली से बदलकर महाराष्ट्र के मराठवाडा मे स्थलांतरीत किया गया था। यहा औरंगजेब ने खुद्के नाम से राजधानी हेतू जिस शहर को चुना था उसे हाल फिलहाल औरंगाबाद कहा जाता है।
  • मुगल शासन मे राजनीतिक तौर पर देखे तो अकबर के कालखंड मे सबसे अधिक सैन्य रचना, प्रदेशो की रचना तथा चलन मे काफी सारी बदलाव दिखाई पडते है, जिसे इतिहास के दृष्टी से देखे तो अकबर दूर दृष्टी वाला शासक नजर आता है। अकबर के समय धर्म भेद और धार्मिक कलह इत्यादी जैसी बाते देखने को नही मिलती,जिस मे हिंदूओ को तीर्थयात्रा पर लगने वाला कर भी माफ किया गया था।वही महान संत तुलसीदास और भक्ती पंथ के महान साधु संत भी इस दौर मे हुये थे। अकबर के दरबार को नव रत्नो का दरबार कहा जाता है जिसमे बिरबल,तोडरमल,तानसेन इत्यादी शामिल थे।
  • भारत के इतिहास मे गुप्त साम्राज्य और मुगल शासक शाहजहान के साम्राज्य को स्वर्णिम युग कहा जाता है, जिसमे अनेक सुंदर वास्तुओ के साथ कला के एक से एक नमुने स्थापित किये गये। जिसे आज भी हम देख सकते है और उस समय काल की कारागिरी को प्रत्यक्ष अनुभव भी कर पाते है।
  • लगभग ३३१ साल तक भारत पर शासन करनेवाले मुगल शासन का सबसे अधिक विस्तार अकबर, औरंगजेब के शासन मे हुआ जिसमे तात्विक दृष्टी से देखे तो इन दोनो शासको की विचार प्रणाली एक दुसरे से काफी अलग दिखाई पडती है, औरंगजेब एक कट्टर धार्मिक शासक था वही अकबर सहिष्णुता से शासन करनेवाला शासक सिद्ध हुआ।

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3 COMMENTS

  1. मुगल शासकों से कितने हिन्दू शासकों ने अपनी रियासत बचाने के लिए के लिए बेटियों का रिश्ता बनाया

    • Virendra aise aneko example mil jayege, jo aise bhi log rahe honge, unke liye vistar se janne ke liye google kar sakte hai.

  2. भारत में मुगल शासन काल में अनेकों भवन निर्माण हुए! भोजन में भी मुगलिया भोजन का स्वाद आजकल भी होटल में दिखाई देता है! सड़को, राज मार्गों का निर्माण भी भली-भांति हुआ! परिणाम स्वरुप विकास भी उत्तम गति से हुआ!

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